लखनऊ- सपा कुनबे में सबकुछ ठीक नहीं है और इस बात की जानकारी सभी को हैं, लेकिन तमाम मौकों पर अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव इन खबरों से इनकार करते रहे हैं। लेकिन एक बार फिर से जिस तरह से सपा के एमएलसी उदयवीर सिंह ने मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखकर अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की गुहार लगाने के साथ शिवपाल सिंह यादव को लेकर तमाम बातें लिखी है उसने पार्टी के भीतर की कलह और षड़यंत्र की फिर से पुष्टि कर दी है।
शिवपाल अखिलेश की सौतेली मां का चेहरा हैं
उदयवीर सिंह ने पत्र में लिखा है कि शिवपाल सिंह अखिलेश यादव से ईर्ष्या रखते हैं, वह सीएम की सौतेली मां का चेहरा है। उन्होंने यह भी लिखा है कि पारिवारिक दबाव और गलत जानकारियों के चलते आपने (मुलायम सिंह) अखिलेश से सौतेला व्यवहार करते हैं।
युवा नेताओं पर शिवपाल ने लगाए गलत आरोप
उदयवीर सिंह ने पत्र में लिखा है कि जिस तरह से शिवपाल सिंह ने सात युवा नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है वह गलत है, उन्होंने इन नेताओं पर गलत आरोप लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की है। उदयवीर सिंह को अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है, वह मथुरा सीट से एमएलसी हैं। यही नहीं उदयवीर सिंह समाजवादी युवजनसभा के व छात्र सभा के राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं।
शिवपाल के फैसलों को बताया गलत
शिवपाल सिंह के फैसलों पर सवाल उठाते हुए उदयवीर सिंह ने लिखा है कि शिवपाल के फैसले पार्टी के मूल सिद्धांतों के खिलाफ हैं और अन्यायपूर्ण हैं। उन्होंने लिखा है कि कुछ साजिशकर्ताओं के चक्कर में फंसकर उन्होंने ऐसे फैसले लिए हैं।
अनुशासनहीन हैं शिवपाल सिंह
शिवपाल सिंह पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए उदयवीर ने लिखा है कि शिवपाल मुख्तार अंसारी के पैरोकार हैं और उन्होंने इटावा, मैनपुरी के सपा नेताओं पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर इनपर कार्रवाई नहीं हुई तो मैं इस्तीफा दुंगा। ऐसे में शिवपाल की इस घनघोर अनुशासनहीनता के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई के बजाए उनको प्रोत्साहन दिया गया। आपने 15 अगस्त को कहा कि अगर शिवपाल और मैं अलग हो गए तो पार्टी की ऐसी की तैसी हो जाएगी।
क्यों नहीं की गई शिवपाल के खिलाफ कार्रवाई
यही नहीं शिवपाल के समर्थकों ने रामगोपाल यादव के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी भी की और जमकर नारेबाजी की लेकिन फिर भी कार्रवाई एकतरफा अखिलेश के समर्थकों के खिलाफ की गई।
2012 से ही चल रहा है षड़यंत्र
पत्र में यह भी लिखा गया है कि 2012 में जब अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने की बात सामने आई तभी से अखिलेश के खिलाफ षड़यंत्र शुरु हो गया था। अखिलेश की सौतेली मां तो सामने नहीं आई लेकिन उनका राजनैतिक चेहरा बनकर शिवपाल सामने आए।
शिवपाल-अमर की जोड़ी पर साधा निशाना
शिवपाल ने हरसंभव कोशिश की कि इस फैसले को रुकवाया जाए। उन्होंने सपा अखिलेश का कई बार सार्वजनिक मंच पर मजाक उड़ाया। ऐसे समय में पार्टी में चतुर चालबाज की भूमिका अमर सिंह ने निभाई और आपने भी इस कमी को पूरा कर दिया।
विकल्प नहीं, राजनीतिक वारिस हैं अखिलेश
अखिलेश यादव को राजनीतिक वारिस करार देते हुए उदयवीर सिंह ने लिखा है कि अखिलेश विकल्प नहीं बल्कि आपके राजनीतिक वारिस हैं। आप पार्टी और मुख्यमंत्री दोनों के संरक्षक हैं। ऐसे में आप अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दें। अगर किसी भी तरह की कोई दुविधा है तो उसे स्पष्ट रूप से साफ करें जिससे की कार्यकर्ताओं के भीतर असमंजस नहीं रहे।
मुखौटा सीएम नहीं चाहिए
उन्होंने लिखा है कि पार्टी को मुखौटा नहीं बल्कि सीएम चाहिए। उदयवीर सिंह ने लिखा है कि मुखौटों से वोट नहीं मिलता है और मुख्यमंत्री मुखौटा नहीं बनना चाहते हैं। उपरी शांति से काम नहीं चलेगा अगर अखिलेश यादव के काम और नाम पर चुनाव लड़ना है तो उन्हें चुनाव से संबंधित सारे फैसले लेने के अधिकार देने होंगे। लेकिन अगर इससे इतर आप उपरी शांति स्थापित करने की कोशिश करेंगे तो लोग भीतरघात करेंगे।