डिंडोरी- मध्य प्रदेश के जिला डिंडोरी की शासकीय योजनाओ में गड़बड़ी को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहता है। चाहे फिर वह मृतको के नाम पर तीर्थ दर्शन योजना का मामला हो या फिर पेंशन के नाम पर गड़बड़ी का। लेकिन इस बार जेल में बंद सजा याफ्ता कैदी कैसे मनरेगा योजना में काम कर सकता है और मजदूरी भुगतान ले सकता है इस गड़बड़ी या भ्रष्टाचार को लेकर सुर्ख़ियों में है। इस मामले की ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी कुम्भकर्णीय नींद में सोये अधिकारी नहीं जाग रहे है। जब मीडिया ने मामले की जानकारी अधिकारी को दी तो अधिकारियों का जवाब होता है कि मुझे नहीं मालूम जल्द जाँच करवाते है। वही इस मामले में क्षेत्रीय विधायक तो अधिकारियो को छोड़ सरकार को आत्म चिंतन सलाह दे रहे है।
दरअसल यह मामला डिंडोरी के समनापुर जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोमटा का है। जहाँ ग्रामीण और पंचगण रोजगार सहायक इन्दरमन सिंह पर मनरेगा योजना में गड़बड़ी के आरोप दस्तावेज के आधार पर लगा रहे है। दस्तावेजोके अनुसार ब्रजमोहन सिंह के खिलाफ समनापुर थाने में अपराध दर्ज था और उसे जेल भी हुई। उसी दौरान उसके द्वारा 12 दिन मजदूरी की भी गई है।
वहीँ दूसरा उपेंद्र उर्फ़ चिल्लू बर्मन पिता दशरथ बर्मन जो कि 02 अक्टूबर से डिंडोरी जेल में सजा काट रहा है। उसके नाम भी मनरेगा में मजदूरी के नाम पर भुगतान किया गया है।
ग्रामीणों के अनुसार इसके अलावा भी कई ऐसे मामले है। रोजगार सहायक इन्दरमण सिंह के द्वारा गई गड़बड़ी को उजागर किया है। ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत भी अधिकारियो के पास की लेकिन कभी अधिकारियो ने जाँच नहीं की। जनपद पंचायत समनापुर द्वारा एक पत्र 26 अक्टूबर को जारी हुआ जिसमे 28 अक्टूबर को जाँच करने की बात की गयी है।
वहीँ इस मामले के सामने आने के बाद मीडिया द्वारा जब समनापुर जनपद सीईओ एन साहू से इस मामले की जानकारी ली गई तो उन्हें शिकायत के बारे जानकारी नहीं थी। जाँच का आश्वासन दिया व ही डिंडौरी के जेलर ने कैदी चिल्लू के सम्बन्ध में जानकारी दी। क्षेत्रीय विधायक ओमकार मरकाम ने ऐसे मामले सामने आने पर प्रदेश सरकार को आत्म चिंतन करने की सलाह दे रहे हैं।
रिपोर्ट- @दीपक डिंडोरी