कान्हा टाइगर रिज़र्व में एक सप्ताह में दूसरे टाइगर की मौत
मंडला – कान्हा टाइगर रिज़र्व में एक और बाघ की मौत से पार्क प्रबंधन सकते में है। एक सप्ताह में ये दूसरा बाघ है कि जिसकी मौत हुई है। हालांकि राहत की खबर यह है कि इस बाघ की मौत में कोई मानवीय हाथ नज़र नहीं आ रहा है और बाघ की मौत सीधे तौर पर आपसी संघर्ष नज़र आ रही है। सामान्य हाथी गश्ती के दौरान कान्हा टाईगर रिजर्व के अंतर्गत मुक्की परिक्षेत्र के गायधार परिसर के प्रकोष्ठ क्रमांक 29 में सुबह एक नर बाघ मृत अवस्था में पाया गया। गश्ती कर्मचारियोें के द्वारा इसकी सूचना तत्काल संबधित उच्चाधिकारियों को दी गई। सूचना प्राप्त होते ही कान्हा टाईगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक, संयुक्त संचालक, वन्यप्राणी चिकित्सक मौके पर पहुँच गये।
कान्हा टाइगर रिज़र्व के संचालक संजय शुक्ला ने बताया कि सामान्य हाथी गश्ती दल को कान्हा टाईगर रिजर्व के मुक्की परिक्षेत्र के गायधार परिसर के प्रकोष्ठ क्रमांक 29 में सुबह एक नर बाघ मृत अवस्था में नज़र आया। गश्ती कर्मचारियोें द्वारा इसकी सूचना मिलते ही सभी सम्बंधित अधिकारी और चिकित्सक मौके पर पहुंचे। शव को देखने पर उसकी शरीर में कई जगह चोट के निशान नज़र साफ़ नज़र आ रहे थे। बाघ के सर, गर्दन, चेहरे के साथ शरीर के अंदर भी गहरे जख्म थे। पोस्ट मोरटम के बाद बाघ का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पार्क प्रबंधन का दावा है कि यह दो वयस्क नर बाघ की आपसी लड़ाई में बाघ की मौत हुई है। मुक्की परिक्षेत्र में 4 नर बाघ का दबदबा था इन बाघों को स्थानीय स्टाफ और पर्यटक उमरपानी, छोटा मुन्ना, भीमा और किंगफ़िशर नाम से जानते – पहचानते है। इनमे से किंगफ़िशर वो बाघ है जिसकी अभी मौत हुई है।
संचालक संजय शुक्ला ने बताया कि मुक्की मुक्की परिक्षेत्र में 4 नर बाघ की उपस्थिति की वजह से उन में वर्चस्व और क्षेत्र को लेकर अक्सर संघर्ष होता रहता था। इस क्षेत्र के बाघ में इसी वजह से अक्सर चोट के निशान नज़र आते रहते थे। इसी को ध्यान में रखते हुए इस इलाके में 3 हाथियों को सघन गश्त में लगा दिया गया था। किंगफ़िशर टाइगर की मौत के बाद कान्हा के 2 अन्य हाथियों को भी इस काम में लगा दिया गया है। जिस संघर्ष में किंगफ़िशर टाइगर की कॉट हुई है तो यकीनन दूसरे बाघ को भी इस दौरान चोट आई होगी। उसकी खोज करने के साथ – साथ स्टाफ और टूरिस्ट्स को भी अदवीसेरी जारी कर दी गई है कि यदि उन्हें कोई जख्मी टाइगर दिखे तो तत्काल पार्क प्रबंधन को इसकी सूचना दी जाए।
कान्हा टाइगर रिज़र्व के फील्ड डायरेक्टर संजय शुक्ला ने बताया कि नई जनगणना के अनुसार 84 वयस्क टाइगर है, इस जनगणना में बाघ शावकों को शामिल नहीं किया गया। किंगफ़िशर बाघ की मौत से पार्क प्रबंधन दुखी तो जरूर है लेकिन लगातार हो रही बाघ को मौतों के सवाल पर साफ़ कहना है कि यह कोई चिंता का विषय नहीं है। यह चिंता का विषय तब होता जब शिकार से इनकी मौत होती।
पिछले दिनों हुई एक बाघ की मौत में ही अपराध कायम किया गया है वो भी धोके में मारा गया था। शेष जो भी मौतें हुई है पूरी तरह से प्राकृतिक थी। एक बाघ की औसत आयु करीब 14 वर्ष है। बहुत काम बाघ जंगल में इस उम्र तक पहुँच पाते है, अधिकांश बाघों की मौत आपसी संघर्ष में ही होती है।
@सैयद जावेद अली
Tiger kingfisher dies in Kanha Tiger Reserve Mandla