नई दिल्ली- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत आम आदमी को मिलने वाले सस्ते घरों के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गई है। इस कवायद का मकसद सरकार की सेवा बिना किसी अड़चन या दिक्कत के लोगों तक पहुंचाना है। देशभर में फैले दो लाख से अधिक कॉमन सर्विसिस सेंटर (सीएससी) में से लगभग 60 हजार सेंटर शहरी क्षेत्रों में हैं, जहां तीन नवंबर से मात्र 25 रुपए प्रति आवेदन की दर से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के कॉमन सर्विसिस सेंटर ई-गवर्नेंस सर्विसिस इंडिया लिमिटेड ने इस संबंध में बुधवार को संबंधित मंत्रियों एम. वैंकेया नायडू और रवि शंकर प्रसाद की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
एमओयू के अनुसार, सीएससी लाभार्थी को प्राप्ति रसीद भी उपलब्ध कराएगी, जिससे आवेदक को अपने आवेदन की स्थिति जानने में मदद मिलेगी। लाभार्थी ऑनलाइन पीएमएवाई (शहरी) के फायदे के बारे में जानकारी लेने के लिए नजदीकी सेंटर जा सकते हैं।
अगर लाभार्थी के पास आधार कार्ड नहीं है तो सेंटर इसे पाने में लाभार्थी की मदद करेगा। ऑनलाइन आवेदन करने की यह प्रक्रिया ई-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) समर्थ है, जिसका मतलब यह है कि यह आवेदन विधिवत सत्यापित करने के बाद प्रस्तुत किया गया है।
इस अवसर पर नायडू ने कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन देश में बदलाव ला रहा है। उन्होंने कहा कि जहां 2005-14 के दौरान 13.70 लाख शहरी गरीबों के लिए किफायती आवासों के लिए मंजूरी दी गई थी, वहीं पिछले एक वर्ष में शहरी गरीबों के लिए लगभग 11 लाख आवासों को मंजूरी दी जा चुकी है और ऑनलाइन आवेदन से यह संख्या और बढ़ेगी।
रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सीएससी डिजिटल इंडिया मिशन का अग्रदूत है और कौशल तथा ऑनलाइन सेवा आपूर्ति के जरिए यह समाज के विभिन्न वर्गों को सशक्त बना रहा है।