भोपाल- नोटबंदी के बाद जनता को हो रही परेशानी के लिए शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती ने प्रधानमंत्री मोदी की तीखी आलोचना की है। उन्होंने इसके लिए पीएम मोदी को श्राप तक लगने की बात कह दी।
8 नवंबर को पीएम मोदी के 1000 और 500 के नोटबैन के फैसले का विरोध करने वालों में द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि ये फैसला एकदम घटिया है।
शंकराचार्य ने कहा कि इस फैसले ने जनता को हलकान कर दिया है। इस फैसले की वजह से देशभर में लोगों की मौतें हुई हैं जिनका पाप नरेंद्र मोदी को लगेगा।
किसी भी मुद्दे पर मुखर होकर अपनी बात रखने के लिए पहचाने जाने वाले शंकराचार्य स्वरुपानंद ने कहा कि जो मोदी ने किया वो एक सेवक का काम नहीं है, उनका फैसला तानाशाही है।
मोदी के मन से नहीं, संविधान से चलेगा देश
शंकराचार्य ने कहा कि मोदी खुद ही सारे फैसले ले रहे हैं, ऐसा लगता है कि वो अपने को कानून से ऊपर समझते हैं। शंकराचार्य ने कहा कि देश में सबसे ऊपर संविधान है और देश संविधान से ही चलेगा।
शंकराचार्य ने कहा कि ये सरकार तो जनता को अंग्रेजी राज से भी ज्यादा परेशान करने वाली साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से जनता को सम्मान और सुरक्षा तो क्या दी जाती उल्टे सबको लाइन में लगा दिया है।
शंकराचार्य ने बातें मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में कहीं। शंकराचार्य यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने आए थे, जहां उनसे मीडिया के लोगों ने नोटबंदी की बाबत सवाल कर दिया। जिस पर वो केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर बुरी तरह से भड़क गए।
आपको बता दें कि शंकाराचार्य स्वरुपानंद के लिए ये कोई पहली बार नहीं है, जब उन्होंने इस तरह की तीखी भाषा का इस्तेमाल किया है। भाजपा पर वो पहले भी हमलावर रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने साईं बाबा और उनके भक्तों की भी आलोचना की थी।
8 नवंबर को पीएम मोदी के नोटबैन के फैसले के बाद देशभर में हालात काफी खराब हैं। अब तक 56 लोगों और 11 बैंककर्मियों की मौत हो चुकी है। जिनकी वजह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नोटबैन है।
सड़क से संसद तक हो रहा है नोटबैन का विरोध
पीएम मोदी के फैसले पर विपक्ष दल कड़ा एतराज जता रहे हैं। अखिलेश यादव फैसले का विरोध कर चुके हैं, तो वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी फैसले को जनता पर मार कह चुके हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे एक खराब फैसला बता रहे हैं। दोनों फैसले के खिलाफ सड़क पर हैं।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस फैसले की कड़ी आलोचना कर चुके हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने 500 और 1000 के नोट को आर्थिक आपातकाल कहा है।
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 500 और 1000 के नोट पर बैन की बात कही थी। राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम ने कहा था कि ब्लैक मनी पर प्रहार करने के लिए 1000 के नोट बंद होंगे जबकि 500 के नोट बदले जाएंगे। [एजेंसी]