दक्षिण भारतीय अभिनेत्री मीरा जैसमिन ने देश में महिलाओं पर लगातार हो रहे यौन हमलों को लेकर सजा देने का एक दर्दनाक रास्ता सुझाया है। अपनी आने वाली फिल्म ’10 कल्पाकल’ के प्रमोशन के संबंध में हो रही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीरा बोलीं कि किसी महिला पर यौन हमला करने वाले शख्स को नपुंसक बना देना चाहिए।
हाल ही में पेरुमबावूर में कथित रूप से बलात्कार के बाद हत्या की शिकार हुई जिशा की मां राजेश्वरी भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थीं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ अभिनेता अनूप मेनन भी थे।
अभिनेत्री मीरा ने कहा कि देश का मौजूदा कानून ऐसे अपराधों के निपटने के लिए काफी नहीं है। अपनी बात कहते वक्त कितने गुस्से में थीं यह उनके चेहरे पर साफ देखा जा सकता था। फिल्म का किरदार उभर आया था चेहरे पर गुस्से से आग बबूला मीरा जैसमिन बोलीं- जो महिलाओं पर यौन हमला करता है, उसे दर्दनाक सजा मिलनी चाहिए तभी वह बलात्कार के दर्द को समझ सकता है।
मीरा बोलीं कि ऐसे लोगों से निपटने के लिए उन्हें नपुंसक बना देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नपुंसक बनाना ही यौन हमलों को रोकने का एकमात्रा रास्ता है। जब इस तरह के लोगों को दर्दनाक सजा दी जाएगी तो कोई भी शख्स किसी महिला की छूने की हिम्मत नहीं कर सकेगा।
आपको बता दें कि अपनी इस आने वाली फिल्म में मीरा जैसमिन ने एक पुलिस ऑफिसर का रोल अदा किया है। फिल्म इसी बात पर आधारित है कि बलात्कार के दोषियों को भारत में पर्याप्त सजा नहीं दी जाती है।
जिशा की मां चाहती हैं इंसाफ
वहीं दूसरी ओर लॉ स्टूडेंट जिशा की मां राजेश्वरी ने कहा कि वह उस दिन का इंतजार कर रही हैं जब उनकी बेटी के कातिल अमीर उल-अस्लाम को फांसी की सजा सुनाई जाएगी। जिशा की राजेश्वरी बोलीं- उसे मेरी बेटी को मारने में सिर्फ कुछ सेकंड ही लगे, लेकिन मुझे ये नहीं पता कि अदालत की कार्रवाई में कितना समय लग जाएगा।
उन्होंने कहा कि उन्हें अदालत की कार्रवाई समझ में भी नहीं आती है, क्योंकि वह अंग्रेजी में होती है और राजेश्वरी को अग्रेजी नहीं आती है। उन्होंने कहा कि अमीर उल-इस्लाम कहता है कि उसने कुछ नहीं किया, लेकिन डीएनए टेस्ट एक बहुत बड़ा सबूत है, जिसके आधार पर कोर्ट को उसकी बात नहीं सुननी चाहिए।
राजेश्वरी कहती हैं- जब मुझे और मेरी बेटी को जरूरत थी तो किसी ने भी आर्थिक रूप से हमारी मदद नहीं की और अब मुझे पैसे देने का कोई मतलब नहीं है।