नई दिल्ली- देश में पहली बार एक निलंबित जज को नाबालिग लड़की के यौन शोषण मामले में दोषी पाया गया है। अदालत ने दोषी जज को तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी जज पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
निलंबित दोषी जज का नाम नागराज शिंदे है। अदालत ने आरोपी जज पर सभी आरोप साबित होने के बाद शुक्रवार को इस मामले में फैसला सुनाया। निलंबित जज नागराज शिंदे पिछले दो वर्षों से पुणे स्थित येरवदा जेल में कैद है। पीड़ित लड़की के पिता के मुताबिक, पिछले दो साल से आरोपी जज और उसके परिवार ने उनपर बहुत जुल्म ढाए हैं। गौरतलब है कि जून 2014 में आरोपी जज के खिलाफ पड़ोस में रहने वाली नाबालिग लड़की के साथ लगातार दो महीने तक यौन शोषण करने का मामला दर्ज किया गया था।
पीड़िता के पिता की माने तो चश्मदीद गवाहों पर आरोपी के परिवार ने झूठे मुकदमे दर्ज करवाए। बता दें कि आरोपी जज ने अपने रुतबे का इस्तेमाल करते हुए पीड़िता के परिवार को इस कदर परेशान किया कि पीड़ित परिवार को मजबूरन अपना घर तक बेचना पड़ा। पीड़िता के पिता ने सजा पर असंतोष जताते हुए कहा कि आरोपी को और कड़ी सजा सुनाई जानी चाहिए थी।
पीड़िता के पिता ने दोषी जज के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाने की बात कही है। सरकारी वकील ने इस बारे में कहा कि दोषी जज ने नाबालिग पीड़िता के साथ काफी अत्याचार किया है। उन्होंने कहा, दोषी को और कड़ी सजा दिलाने के लिए मामले को हाई कोर्ट में फाइल किया जाएगा। सरकारी वकील की माने तो हाई कोर्ट इस मामले में सिद्ध आरोपों और सबूतों के आधार पर आरोपी जज को 14 साल तक की सजा सुना सकता है। [एजेंसी]