नई दिल्ली- समाजवादी पार्टी और पार्टी चिह्न को लेकर चल रहे घमासान के बीच मुलायम सिंह यादव रविवार को दिल्ली पहुंचे। दिल्ली पहुंचकर उन्होंने शिवपाल यादव और अमर सिंह के साथ बैठक की। इस दौरान बाहर नारे लगा रहे कार्यकर्ताओं को उन्होंने बुलाया और कहा कि अखिलेश मेरा ही लड़का है। अब हम क्या करें, वह जो कर रहा है उसे करने दो, हम क्या कर सकते हैं। मार थोड़ी देंगे। अब सब कुछ उसके पास है मेरे पास क्या है मेरे पास तो गिनती के विधायक हैं।
अखिलेश के खिलाफ मुलायम कुछ भी नहीं बोले, हां यह जरूर कहा कि कई जगह सड़कों का विकास हुआ है तो उसमें पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर शिवपाल यादव का भी योगदान है। कुछ इस तरह मुलायम ने शिवपाल की तारीफ कर दी। उस वक्त शिवपाल साथ ही बैठे थे।
इसके बाद अमर सिंह भी आ गए। जैसे ही अमर सिंह आए तो मुलायम सिंह ने सुर बदले हुए कार्यकर्ताओं से कहा कि चुनाव की घोषणा हुए 4 दिन हो चुके हैं। अब समय बिल्कुल नहीं है। अब कुछ नहीं होने वाला, आप लोग चुनाव की तैयारियों में जुटिए। जिन उम्मीदवारों की मैंने घोषणा की है, उनको जिताने के लिए मैदान पर उतर जाइए। साइकिल के लिए काम करिए। इसी बीच अमर सिंह ने कहा कि मैं जो भी बोला हूं या बोल रहा हूं, समझ लीजिए वह नेताजी बोल रहे हैं और जो नेताजी बोल रहे हैं, वही मैं बोल रहा हूं। मैं नेताजी का प्रतिनिधि हूं।
सोमवार को जाएंगे चुनाव आयोग
पार्टी पर दावा ठोकने के लिए मुलायम खेमा सोमवार को चुनाव आयोग में हलफनामा दाखिल करेगा। इससे पहले शनिवार को रामगोपाल यादव ने दावा किया कि सपा में 90 फीसदी से ज्यादा नेता और कार्यकर्ता अखिलेश के समर्थन में हैं। उन्होंने कहा कि कुल 5731 में 4716 प्रतिनिधियों के हलफनामे भी हम चुनाव आयोग में दायर करेंगे। चुनाव आयोग में हलफनामा दाखिल करने की आखिरी तारीख 9 फरवरी है। आयोग ने दोनों पक्षों को अपने-अपने कागजात 9 जनवरी तक जमा करने को कहा है। अखिलेश खेमा पहले ही आवश्यक कागज जमा कर चुका है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में साइकिल चुनाव चिह्न पर अपना दावा पुख्ता करने की कोशिश के तहत अखिलेश यादव गुट ने शनिवार को पार्टी के जन प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के हस्ताक्षर वाले हलफनामे चुनाव आयोग को सौंपे हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थक रामगोपाल यादव दस्तावेजों की प्रतियां सौंपने के लिए यहां चुनाव आयोग मुख्यालय निर्वाचन सदन गए। चुनाव आयोग ने इस गुट से दस्तावेज मांगे थे। छह बक्सों में भरे 1.5 लाख पन्नों के इन कागजातों में 200 से अधिक विधायकों, 68 विधान परिषद सदस्यों में से 56 विधान परिषद सदस्यों, 24 सांसदों में से 15 सांसदों तथा 5,000 प्रतिनिधियों में से अखिलेश समर्थक करीब 4600 प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं।
रामगोपाल ने दस्तावेज सौंपने के बाद कहा, ’90 फीसदी जन प्रतिनिधि एवं प्रतिनिधि अखिलेश यादव के साथ हैं. इसलिए यह बिल्कुल साफ है कि हम असली सपा हैं। हमें साइकिल निशान दिया जाना चाहिए और असली सपा समझा जाना चाहिए। रामगोपाल ने दावा किया कि एक सेट मुलायम सिंह यादव को उनके दिल्ली निवास पर भेजा गया, लेकिन उन्होंने पावती देने से इनकार कर दिया। अब उसे उनके लखनऊ के पते पर भेजा जाएगा।
मुलायम सिंह धड़ा सोमवार को अपने हलफनामों का सेट आयोग को सौंप सकता है। चुनाव आयोग ने दस्तावेज सौंपने की समयसीमा 9 जनवरी तय कर रखी है। 3 जनवरी को सपा में विभाजन औपचारिक रूप से सामने आ गया था, जब दोनों पक्ष सपा और उसके निशान पर दावा करते हुए चुनाव आयोग के पास पहुंचे थे। [एजेंसी]