नई दिल्ली : भारतीय लोकमंच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष साधू शरण पाण्डेय ने पंजाब के पूर्व सीएम और तमिलनाडु के पूर्व राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किये है।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड के राज्यपाल रह चुके सुरजीत सिंह बरनाला का शनिवार को चंडीगढ़ में निधन हो गया. वह 91 वर्ष के थे।
साल 1985-1987 के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके बरनाला को बीमार होने पर हाल ही में चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में भर्ती कराया गया था. शनिवार को उन्होंने इलाज के दौरान ही अंतिम सांस ली। उन्होंने पंजाब की कमान ऐसे समय में संभाली थी जब अस्सी के दशक में उग्रवाद वहां चरम पर था। वर्ष 1985 से 1987 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे वर्ष 1985 की गर्मियों में संकटग्रस्त पंजाब में शांति बहाल करने के लिए राजीव-लोगोंवाल संधि किए जाने के बाद अकाली दल के उदारवादी नेता बरनाला मुख्यमंत्री बने।
तमिलनाडु का राज्यपाल रहते बरनाला ने 1991 में द्रमुक सरकार भंग करने की सिफारिश करने से मना कर दिया था। उस समय चन्द्रशेखर प्रधानमंत्री थे। इनकार के बाद जब बरनाला का बिहार स्थानांतरण किया गया तो उन्होंने राज्यपाल के पद से इस्तीफा देना उचित समझा।
चन्द्रशेखर की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार ने तब संविधान के अनुच्छेद 356 के अन्यथा प्रावधान का उपयोग कर करणानिधि की सरकार भंग कर दी थी।
बरनाला उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश के भी उपराज्यपाल रहे। वह केन्द्र में मोरारजी देसाई की सरकार में कृषि मंत्री थे और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रसायन एवं उर्वरक मंत्री थे। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पूर्व वरिष्ठ अकाली नेता के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
साल 2001 और 2011 के बीच बरनाला तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड के राज्यपाल भी रहे हैं। साल 1997 में वह उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में उम्मीदवार थे. लेकिन कृष्णकांत उनसे जीत गए थे. बरनाला केंद्रीय मंत्री भी रह चुके थे।