लखनऊ- उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बात सीटों के बंटवारे को लेकर अटक गई है। इस बीच खबर अनुसार अजीत सिंह की अगुवाई वाली आरएलडी ने भी अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
दूसरी ओर कांग्रेस 100 से कम सीटों पर राजी नहीं है जबकि सपा 85 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है। इस बीच, कांग्रेस अमेठी-रायबरेली की सभी सीटें चाहती है जबकि रामपुर क्षेत्र की सीटों को लेकर भी पेच फंसा हुआ है। अन्य दलों को महागठबंधन में शामिल करने को लेकर भी दिक्कतें हैं। दूसरी ओर अखिलेश यादव ने अपनी चुनाव तैयारियां शुरू कर दी है। सीएम अखिलेश ने गुरुवार को लखनऊ में सपा विधायकों से मुलाकात की।
चुनाव की तैयारियों को लेकर सीएम अखिलेश यादव के कई विधायक मिलने पहुंचे। राजा भैया, नितिन अग्रवाल, नरेश अग्रवाल और सिबकतुल्ला समेत कई पार्टी नेता अखिलेश यादव से मिले।
पश्चिमी यूपी में नामांकन दाखिल करने में सिर्फ 5 दिन बचे हैं लेकिन महागठबंधन की अटकलों से बावजूद आरएलडी और सपा के बीच अभी बात भी शुरू नहीं हो पाई है। दूसरी ओर आरएलडी ने ऐलान भी कर दिया है कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी. हालांकि, जानकार इसे दबाव की राजनीति बता रहे हैं। इससे पहले बात आई थी कि आरएलडी 35 सीटें चाह रही है लेकिन सपा 20 से ज्यादा देने को तैयार नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक सपा भी आरएलजी से गठबंधन को लेकर हिचक रही है। पश्चिम यूपी में हाल के दिनों में जाट समुदाय और मुस्लिम समुदाय के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर सपा मुस्लिम वोटों के सुरक्षित रखना चाह रही है। ऐसे में आरएलडी के साथ जाना उसे नुकसानदेह लग रहा है।
बात करें कांग्रेस-सपा के गठबंधन की तो कांग्रेस के साथ भी सीटों को लेकर सपा की बात अभी पूरी तरह फाइनल नहीं हो पाई है। कांग्रेस अपने लिए 100 से कम सीटों पर राजी नहीं है जबकि अखिलेश कांग्रेस को 85 से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं हैं। इसके अलावा कांग्रेस सोनिया और राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी की सभी सीटे भी अपने लिए चाह रही है। सपा के लिए इसपर भी फैसला आसान नहीं होगा। [एजेंसी]