लखनऊ : बीते साल नवंबर में कानपुर के पास हुए इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की बात पुख्ता होती नजर आ रही है। मामले की जांच कर रही पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें से एक ने आईएसआई के लिंक होने की जानकारी दी है। मामले की जांच कर रही यूपी एटीएस ने बताया कि मोतीलाल पासवान नाम के शख्स ने पूछताछ में बताया कि ट्रेन ट्रैक को उड़ाने के लिए प्रेशर कुकर का इस्तेमाल किया गया था। इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे में 150 लोग मारे गए थे। हादसा कानपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर हुआ था।
मोतीलाल ने बताया कि रेलवे ट्रैक को उड़ाने के लिए 10 लीटर के प्रेशर कुकर को इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोजिव डिवाइस (IED) के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। 20 नवंबर को हुई घटना के बाद अधिकारियों ने आशंका जताई थी कि रेल ट्रैक में गड़बड़ी की वजह से यह हादसा हुआ है। मोतीलाल पासवान, उमाशंकर और मुकेश यादव नाम को इसी सप्ताह बिहार के चंपारण जिले में हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। एटीएस ने बताया कि पूछताछ में उन लोगों ने खुलासा किया कि आईएसआई एजेंट के कहने पर उन्होंने भारतीय रेलवे को निशाना बनाया था। एटीएस ने कहा कि अब मामले की जांच के लिए एक बार फिर से फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर भेजी जाएगी।
पुलिस ने बताया कि वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग करने वाले मोतीलाल को इसके बदले 25 लाख रुपये दिए गए थे। यह रकम शमसुल होदा नाम के शख्स ने दी थी जो आईएसआई का एजेंट है और दिल्ली में रहता है। उसके कहने पर ब्रजकिशोर गिरी और कुछ अन्य लोगों ने रेल ट्रैक पर IED लगाया जिससे हादसा हुआ। गिरफ्तार लोगों ने बताया कि उन्हें ब्रजकिशोर गिरी ने पैसा दिया था। पुलिस के मुताबिक, शमसुल होदा के कहने पर उन्होंने दो लोगों की हत्या कर दी थी क्योंकि वे ऑपरेशन को सही से अंजाम नहीं दे पाए थे। इसके पहले वे चंपारण में नेपाल बॉर्डर के पास रेलवे ट्रैक उड़ाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन धमाका नहीं हुआ। जिस वक्त धमाका होना था तब वहां से एक पैसेंजर ट्रेन गुजर रही थी। लेकिन जिन लोगों को यह काम सौंपा गया था वे ऐन वक्त पर पीछे हट गए।