नई दिल्ली : जाट आंदोलन के दौरान मुरथल में गैंगरेप के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने हरियाणा पुलिस को फटकार लगाई है। हाइकोर्ट ने कहा कि मुरथल में गैंगरेप हुआ था और इसके सबूत हैं।
हाइकोर्ट ने चश्मदीदों के बयान और फटे कपड़ों को सबूत माना है. कोर्ट ने हरियाणा पुलिस से गुनहगारों को जल्द गिरफ़्तार करने को कहा है। साथ ही मामले की जांच कर रही एसआईटी को सोनीपत की अदालत में हलफ़नामा दाख़िल कर गैंगरेप की धारा नहीं हटाने को कहा है।
दरअसल, हरियाणा सरकार और मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का लगातार यह कहना रहा है कि मुरथल में कोई गैंगरेप नहीं हुआ, सिर्फ छेड़छाड़ हुई थी. इस मामले में एसआईटी द्वारा दो चश्मदीदों टूर ऑपरेटर बॉबी जोशी और टैक्सी ड्राइवर राजकुमार के बयान रिकॉर्ड किए गए थे। इन दोनों ने एसआईटी को दिए अपने बयानों में साफ तौर पर कहा कि जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में मुरथल के पास उपद्रवी महिलाओं को जबरन खींचकर झाडि़यों, खेतों की तरफ ले रहे थे। साथ ही हाईवे पर मिले फटे कपड़ों और उन पर मौजूद निशानों से यह साफ था कि महिलाओं के साथ बदसलूकी हुआ।
लिहाज़ा, इन बयानों और सबूतों के आधार पर हाईकोर्ट ने कहा है कि यह सबूत यह दर्शाने के लिए काफी हैं कि वहां महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, बलात्कार हुआ। अब एसआईटी अपने प्रयासों को तेज करते हुए आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे। मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी तय की गई है।