नई दिल्ली- पंकज आडवाणी ने लगातार दूसरे साल पद्म भूषण पुरस्कार की अनदेखी किए जाने के बाद कहा कि वह नहीं जानते कि उन्हें इस सम्मान को हासिल करने के लिए क्या करना चाहिए। 16 बार के विश्व चैम्पियन इस क्यू खिलाड़ी ने पिछले ही साल आठ विश्व खिताब अपने नाम किए हैं।
कर्नाटक सरकार और भारतीय बिलियर्ड्स और स्नूकर महासंघ (BFSI) ने देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी।
भारत के महान क्यू खिलाड़ियों में से एक आडवाणी ने फिर से इन पुरस्कारों के लिए अनदेखी किए जाने के बाद ज्यादा कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने अपनी बात सोशल मीडिया पर साझा की। आडवाणी ने खेल मंत्री विजय गोयल द्वारा इस हफ्ते के शुरू में पुणे में 28वां राष्ट्रीय खिताब जीतने पर बधाई दिए जाने के जवाब में ट्वीट किया, ‘शुक्रिया सर। 16 विश्व खिताबों और दो एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक के बाद भी अगर पद्म भूषण के लिए मेरी अनदेखी होती है, तो मुझे नहीं पता कि मुझे क्या करना चाहिए। ‘
वहीं BFSI के सचिव एस बालासुब्रमण्यम को लगता है कि पद्म भूषण के लिए आडवाणी से बेहतर कोई मौजूदा खिलाड़ी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह सुनकर बहुत दुख होता है कि उसकी फिर से अनदेखी की गई। यह साल दर साल हो रहा है। यह उसके लिए ही नहीं बल्कि खेल जगत के लिए भी दुखद है। लगता है कि इन पुरस्कारों को हासिल करने के लिए लॉबिंग काम कर रही है। अगर आप प्रदर्शन के आधार पर देखो तो पंकज को इसे कई साल पहले ही दे दिया जाना चाहिए था। कोई ऐसा खिलाड़ी बताइये जो पंकज की तरह लगातार विश्व खिताब जीत रहा हो। हालांकि हम अगले साल फिर कोशिश करेंगे।
बता दें कि आडवाणी को साल 2006 में भारत के सबसे बड़े खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया था, वहीं 2009 में उन्हें पद्म श्री दिया गया था।
आडवाणी के अलावा बैडमिंटन स्टार ज्वाला गुट्टा ने भी पद्म पुरस्कारों की सूची में अपना नाम न होने पर पुरस्कार के लिए चयन प्रक्रिया को ही सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। उन्होंने फेसबुक के जरिये अपना गुस्सा जाहिर किया है। बुधवार को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।