भोपाल- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की हत्या के मामले में कोर्ट ने शनिवार को चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया है। दोषी जाहिदा परवेज, सबा फारुकी, क्रिमिनल शाकिब डेंजर और शूटर ताबिश को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। एक अन्य आरोपी इरफान को जुर्म कबूलने करने और जांच में मदद करने के लिए बरी कर दिया गया।
बता दें कि शहला मसूद की हत्या 16 अगस्त 2011 को उनकी ही कार में की गई थी। सुबह करीब सवा 11 बजे शहला की लाश मिली थी।
रिश्तेदारों के मुताबिक, घटना वाली सुबह शहला घर से अन्ना हजारे की रैली में शामिल होने के लिए निकल रही थी और कार की ड्राइविंग सीट पर बैठी थी। सीबीआई को सौंपी गई थी जांच पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि शहला की हत्या काफी करीब से गोली मारकर की गई थी, जो कि उसके गले में लगी थी। कई लोगों का यह भी कहना था कि शहला की हत्या उनके कामकाज की वजह से हुई है। शहला हीरे की खदानों में अवैध खुदाई के मुद्दे को सामने लाने में जुटी थीं।
हालांकि मामला सीबीआई तक पहुंचा तो हत्या की वजह लव ट्राएंगल तक पहुंच गई। बीते पांच साल में इस केस में कई ट्विस्ट आए।
शहला ने बताया था जान को खतरा
शहला मसूद ने अपनी हत्या के एक महीने पहले ही एक मैगजीन को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें जान का खतरा है और लगातार धमकियां मिल रही हैं।
उन्होंने कहा था कि नेताओं और बाबुओं की मिलीभगत से देश को खोखला किया जा रहा है। सीबीआई ने अपनी जांच के बाद 2500 पेज की चार्जशीट कोर्ट में पेश की जिसमें जहीदा परवेज, सबा फारुकी, तबिश, शाकिब और इरफान अली को आरोपी बनाया गया था।
कौन थीं शेहला मसूद?
शेहला RTI एक्टिविस्ट थीं। इसी से जुड़ा एनजीओ चलाती थीं। शेहला ने 200 से ज्यादा आरटीआई अर्जियां दायर की थीं। वे अण्णा हजारे के इंडिया अगेन्स्ट करप्शन मूवमेंट से जुड़ी थीं। शेहला एन्वायर्नमेंटलिस्ट थीं और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाती थीं। उनके पिता सुल्तान मसूद रिटायर्ड गवर्नमेंट ऑफिसर हैं।
एक्स एमएलए के प्यार में दीवानी थी जाहिदा
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक शेहला मर्डर केस में दोषी करार दी गई जाहिदा परहेज पूर्व एमएलए ध्रुवनारायण सिंह के लिए इतनी दीवानी थी कि उसने ध्रुव और शेहला की नजदीकियों से आहत होकर इस मर्डर को अंजाम दिया।
शुरुआती जांच में ध्रुवनारायण सिंह से भी पूछताछ की गई। उनका पॉलीग्राफ टेस्ट भी हुआ, लेकिन जांच में ध्रुव के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। सीबीआई ने उन्हें क्लीन चिट दे दी।
जाहिदा ने क्यों की हत्या?
जाहिदा के बार-बार मना करने के बाद भी ध्रुव जब शेहला से अलग नहीं हुए तो जाहिदा ने तय कर लिया था कि वो शेहला को खत्म कर देगी। इसका जिक्र जाहिदा की डायरी में भी है।
जाहिदा ने शाकिब डेंजर को शेहला की हत्या का अपना इरादा बताया। शाकिब ने कानपुर के इरफान और ताबिश से संपर्क कर हत्या का सौदा तय किया।
शाकिब ने ही इरफान और ताबिश को शेहला की हत्या के लिए पल्सर बाइक औैर देशी कट्टा मुहैया कराया। साथ ही दो दिन तक शेहला के घर की रैकी भी करवाई।
दूसरी कोशिश में हुई हत्या
शेहला को मारने की पहली कोशिश 14 अगस्त 2011 को हुई, लेकिन शेहला को गोली मारने पहुंचे इरफान और ताबिश बिना गोली चलाए ही लौट आए।
16 अगस्त 2011 को शेहला अपने घर से ऑफिस जाने के लिए जैसे ही कार में सवार हुई, उसे इरफान और ताबिश ने 315 बोर के देशी कट्टे से गोली मार दी।
गोली सीधे शेहला की कनपटी पर लगी। शेहला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
सीबीआई ने की जांच
शुरुआती जांच में भोपाल पुलिस को इस मर्डर केस में कोई सबूत नहीं मिले। मामला बढ़ा तो जांच सीबीआई को सौंप दी गई।
छह महीने तक अलग-अलग प्वॉइंट्स पर जांच करने का बाद 28 फरवरी 2012 को इस केस में पहली गिरफ्तारी हुई जाहिदा परवेज की।
जाहिदा ने बताया उसने शेहला की हत्या के लिए शाकिब से शूटर बुलवाए थे। शाकिब को भी इसी दिन गिरफ्तार किया गया।
कैसे गिरफ्त में आए बाकी आरोपी?
पूछताछ में जाहिदा ने बताया कि इस हत्या की साजिश उसने सबा फारुकी के साथ मिलकर रची थी। सबा जाहिदा की कंपनी में इम्प्लॉई थी और उसकी दोस्त भी थी।
2 मार्च को सीबीआई ने सबा को भी गिरफ्तार कर लिया।
शाकिब से हुई पूछताछ के बाद सीबीआई ने 9 मार्च 2012 को इरफान को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया। उसी दिन ताबिश को भी भोपाल में गिरफ्तार कर लिया गया।
जाहिदा और अन्य आरोपियों से हुई पूछताछ के बाद सीबीआई ने हत्याकांड में एक के बाद एक कड़ियां जोड़ना शुरू किया। वो बाइक और देशी कट्टा भी बरामद करने का दावा किया जिससे शेहला की हत्या की गई थी।
25 मई 2012 को सीबीआई ने 4400 पेज की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। 21 जुलाई 2012 को सीबीआई कोर्ट में आरोपियों पर आरोप तय किए गए।
[एजेंसी]