भोपाल : बारहवीं में 85 फीसदी से ज्यादा अंक लाकर आईआईटी, आईआईएम, एनएलआईयू जैसे उत्कृष्ट शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश पाने वाले छात्रों की फीस सरकार चुकाएगी। इन्हें ये राशि लौटाना भी नहीं पड़ेगी। ये सुविधा सिर्फ उन्हीं छात्रों को मिलेगी, जिनके माता-पिता की सालाना आय दस लाख रुपए तक होगी। ये निर्णय सीएम मेधावी छात्र योजना को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की समीक्षा में लिया गया।
सूत्रों के मुताबिक हनुवंतिया में अनौपचारिक कैबिनेट के दौरान मंत्रियों ने सीएम मेधावी छात्र योजना को लेकर तय किया गया था कि इसमें माता-पिता की आय सीमा का बंधन रखा जाएगा। इसके मद्देनजर तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने योजना के प्रावधानों में बदलाव कर नया मसौदा तैयार कर लिया है।
मंत्रालय में इसे गुरुवार को मुख्यमंत्री के सामने रखा गया। अधिकारियों ने बताया कि 85 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल करके उत्कृष्ट शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश पाने वाले छात्रों की फीस सरकार भरेगी। इसे छात्रों को लौटाना भी नहीं पड़ेगा। ये सरकार की ओर से अनुदान रहेगा।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि उच्च स्तर के शिक्षण संस्थानों में भी प्रवेश लेने पर सरकार छात्रों की फीस भरेगी। इसके लिए छात्रों को कम से कम 85 प्रतिशत अंक लाने होंगे। जब छात्र की नौकरी लग जाएगी तो उसे सरकार की ओर से जमा की गई फीस को लौटाना पड़ेगा।