इस्लामाबाद- पाकिस्तान की संसद ने शुक्रवार को हिंदू मैरिज बिल-2017 को पास कर दिया है। इस बिल के पास होते ही पाकिस्तान में बसे हिंदू समुदाय के लिए पहली बार उनका कोई व्यक्तिगत कानून होगा। इस बिल को 26 सितंबर 2016 को राष्ट्रीय सभा में मंजूरी मिली थी।
अब रजिस्टर हो सकेगी शादी
बिल के पास होने के बाद पंजाब, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में बसे हिंदूओं को अपनी शादी को रजिस्टर करने का अधिकार मिल सकेगा। सिंध प्रांत के पास पहले से ही उसका हिंदू मैरिज बिल है। पाक के अखबार डॉन की ओर से यह जानकारी दी गई है। इस बिल को सीनेट में कानून मंत्री जाहिद हामिद की ओर से पेश किया गया था। इस बिल का विरोध नहीं हुआ और सीनेट की मानवाधिकारी समिति की ओर से दो जनवरी को बहुमत के साथ इसे मंजूरी दे दी गई। इस बिल को मंजूरी देते हुए कमेटी के चेयरमैन मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के सीनेटर नसरीन जलील ने कहा कि यह काफी गलत था न सिर्फ इस्लाम के सिद्धांतों के अनुसार बल्कि यह मानवाधिकार का भी उल्लंघन था कि आज तक पाक में हिंदूओं के लिए कोई भी व्यक्तिगत कानून ही नहीं बन सका था।
बिल के एक बिंदु पर चिंता
इस कानून के बाद अब मुसलमानों के निकाहनामे की ही तरह ‘शादी परात’ के लिए कागजी कार्रवाई हो सकेगी जिसे एक पंडित की ओर से साइन किया जाएगा। इसके बाद संबंधित सरकारी विभाग में इसका रजिस्ट्रेशन भी हो सकेगा। हिंदू संसद और इस समुदाय के लोगों ने हालांकि बिल के एक बिंदु को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थीं जो शादी को खत्म करने से जुड़ा था। इसके मुताबिक एक साथी अलग होने के लिए अदालत जा सकता है अगर दोनों में से किसी ने भी अपना धर्म परिवर्तन कर लिया है। [एजेंसी]