लखनऊ : शिया उलेमा की सात सदस्यीय समिति ने आज अपने मुशावरती सम्मेलन के बाद मुसलमानों के नाम संदेश देते हुए कहा कि हम मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी के साथ हैं और जहां मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने सर्मथन की घोषणा की है वहीं मताधिकार का उपयोग किया जाएगा, क्योंकि समाजवादी पार्टी ने ओलमा का अपमान किया, रोजेदारों पर लाठियां बरसाईं और उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के नरसंहार के अलावा उनके विकास व कल्याण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
उलेमा ने कहा कि अगर मुसलमान अपने राजनीतिक और धार्मिक अधिकार चाहते हैं तो अपनी राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन करे क्योंकि राजनीति रिश्त्तेदारी नहीं देखती बल्कि वोट बैंक देखती है।
उलेमा ने कहा कि जनता एसे मौलवियों के बहकावे में कतई न आएं जो समाजवादी के लिये अपील कर रहे है। इन मौलवियों से जनता सवाल करे कि आखिर वह उस समय कहां थे जब मुजफ्फरनगर में मानवता की हत्या की जा रहा थी और उनके केम्पों पर बुलडोजर चलवाये जा रहे थे। उस समय कोई मौलवी मुजफ्फरनगर के हालात का जायजा लेने नहीं गया और न पीड़ितों की सहायता मे आगे आया। यही हाल कश्मीर में आयी बाढ़ के समय रहा। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक मौलवी का हाथ नहीं उठा। मौलाना कल्बे जव्वाद मुजफ्फरनगर गए और हालात का जायजा लिया उसके बाद हर संभव सहयोग किया। कश्मीर में बाढ़ पीड़ितों की सहायता की और किसी खास समुदाय को ध्यान में नहीं रखा बल्कि मुजफ्फरनगर और कश्मीर में सभी मुसलमानों और दोसरे मजहब के लोगो की समान मदद की।
उलेमा ने कहा कि समाजवादी पार्टी की प्रशंसा में जमीन और आसमान की बातें करने वालों से पूछा जाए कि उत्तर प्रदेश में वक्फ के विनाश के समय और चार सौ से अधिक दंगों के बाद उन्होंने मुसलमानों को न्याय दिलाने और वक्फ की रक्षा के लिए क्या कोशिशें कीं।उलेमा ने कहा कि जो लोग उलेमा के राजनीतिक रहनूमाई पर कटाक्ष कर रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए कि राजनीतिक और धार्मिक अधिकारों की वसूली के लिए लड़ना तभी संभव है जब राजनीतिक नेतृत्व किया जाए, .आयतु उल्लाह खामेनई और इमाम खुमैनी के उदाहरण हमारे सामने है।
@शाश्वत तिवारी