भोपाल- मध्यप्रदेश विधानसभा में राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हो गई। सरकार कृषि वानिकी मिशन चलाएगी, इसके साथ ही प्रदेश में डिजीटल भुगता के लिए भी मिशन चलेगा। रोटी, कपड़ा, मकान और दवा उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य होगा। गेहूं का उत्पादन दो करोड़ टन होगा। इसके साथ ही बिजली के क्षेत्र में 2022 तक 22 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन होगा। 2025 तक साठ लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
राज्यपाल ने अभिभाषण में कहा, प्रदेश में आवास मिशन चलेगा, इस दौरान बीस लाख आवास बनाए जाएंगे। सीएम सड़क योजना के तहत सड़कों का डामरीकरण किया जाएगा। 14 अप्रैल से ग्रामोदय अभियान चलाया जाएगा। स्मार्ट सिटी के लिए सागर और सतना शहर के प्रस्ताव को भेजा गया है।
मंगलवार सुबह राज्यपाल विधानसभा पहुंचे, यहां उनकी अगवानी के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष, संसदीय कार्य मंत्री और कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष ने की।
एक मार्च को सरकार बजट प्रस्तुत करेगी। ये पौने दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा। सत्र के दौरान सरकार को विधायकों के 5 हजार 931 सवालों का जवाब देना होगा। 17 मामलों को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिए गए हैं।
बजट और वित्त मंत्री के भाषण को सत्र के दौरान ही कैबिनेट में मंजूरी दी जाएगी। बजट पौने दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा। इसे अंतिम रूप देने के लिए वित्त मंत्री ने सोमवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
इसमें सरकार की बीते एक साल की उपलब्धियों को बताने के साथ अलगे एक साल का विजन रहेगा। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सात मिशन के गठन, नर्मदा सेवा यात्रा, नर्मदा तट से 5 किलोमीटर के दायरे में शराब दुकान बंद करने जैसे निर्णयों को अभिभाषण में प्रमुख रूप से बताया जाएगा।
72 विधायकों ने ऑनलाइन पूछे 2 हजार से ज्यादा प्रश्न
बजट सत्र में 72 विधायकों ने 2 हजार 370 प्रश्न ऑनलाइन लगाए हैं। 105 ध्यानाकर्षण लगे हैं तो 48 अशासकीय संकल्प प्रस्तुत किए गए हैं। विभिन्न् मुद्दों पर 17 स्थगन, 37 शून्यकाल की सूचनाएं दी गई हैं।
कहां बैठेंगे मंत्री ज्ञान सिंह
विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद आदिम जाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह के सदन में बैठने की जगह को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। दरअसल, सरकार और भाजपा विधायक दल की ओर से विधानसभा सचिवालय को सोमवार देर शाम तक ज्ञान सिंह के बैठने की जगह को लेकर कोई बात नहीं की गई। ये भी नहीं बताया कि यदि वे सदन में नहीं आते हैं तो उनके स्थान पर विधायकों के सवाल का जवाब कौन देगा। मुख्यमंत्री से जुड़े विभागों के जवाब देने के लिए सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लालसिंह आर्य को अधिकृत किया गया है।