नई दिल्ली- एक तरफ जहां गुरमेहर पर कुछ लोग निशाना साध रहे हैं वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो गुरमेहर के समर्थन में भी दिखाई दे रहे हैं। कुछ दिन पहले वीरेंद्र सहवाग ने ट्विटर पर गुरमेहर का मजाक उठाया था। लेकिन अब इस मामले में खेल जगत से जुड़ी एक बड़ी खिलाड़ी भी कूद पड़ी है।
पाकिस्तान से भी आया गुरमेहर कौर के लिए संदेश
ये खिलाड़ी मशहूर बैडमिंटन प्लेयर ज्वाला गुट्टा हैं। सोशल मीडिया के द्वारा ज्वाला ने गुरमेहर पर हो रहे विवाद की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ये बड़े दुख की बात है कि अगर कोई शांति की बात करना चाहे तो लोग उसे पाकिस्तानी कहकर उसपर निशाना साधते हैं। उन्होंने विरेंद्र सहवाग पर निशाना साधते हुए भी लिखा है कि कुछ खिलाड़ी गुरमेहर के संदेश का बिना पूरा सच जाने ही उसकी आलोचना कर रहे हैं।
गुरमेहर कौर के समर्थन में क्या बोलीं विद्या बालन
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम जैसे खिलाड़ियों को ऐसे विषयों पर बोलना जरूरी हो जाता है क्योंकि हम शांति के दूत हैं। उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया अपने आप को व्यक्त करने का प्लेटफॉर्म है लेकिन इसका परिणाम देखिए कि मैं खुद लोगों की नकारात्मकता का शिकार होती हूं और उनका निशाना बनती हूं। यहां लोगों की आलोचना करना बहुत आसान है। और तो और यहां पर कई फेक आईडी भी है। कुछ लोगों के लिए तो ये मनोरंजन के साधन से ज्यादा कुछ नहीं है।
गुरमेहर कौर के समर्थकों को पाकिस्तान भेजो….
गुरमेहर के साथ आए खेल और बॉलीवुड के दिग्गज
शहीद की बेटी गुरमेहर कौर के समर्थन में क्रिकेटर गौतम गंभीर के ट्वीट से घटनाक्रम में नया मोड़ आ गया है। कल तक उन्हें राजनीति से प्रेरित राष्ट्रविरोधी कहकर अपमानित करने वाले खिलाड़ी और फिल्मी हस्तियां अचानक उनके समर्थन में आ गए हैं।
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इस छात्रा का विरोध करने वाले दिग्गज खिलाड़ियों तथा फिल्मी कलाकारों तक को सफाई देने पर मजबूर होना पड़ा। बॉलीवुड कलाकार अनुराग कश्यप, तिग्मांशु धूलिया और विद्या बालन जहां गुरमेहर के समर्थन में आ गए हैं वहीं वीरेंद्र सहवाग को सफाई देनी पड़ी कि शहीद की बेटी को अपने विचार रखने का पूरा हक है। अगर उसे कोई रेप या मारने की धमकी देता है तो यह उसकी कायराना हरकत है।
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गंभीर ने ट्वीट के साथ वीडियो अपलोड करते हुए कहा था कि भारतीय सेना के लिए उनके मन में बेहद सम्मान है। देश के लिए उनकी सेवा अतुलनीय है। हाल की घटनाओं से उन्हें निराशा हुई है। हम सभी आजाद मुल्क में रहते हैं, जहां हर किसी को अपनी राय रखने का हक है। अगर एक लड़की जिसने अपने पिता को खोया हो, शांति कायम होने की इच्छा के चलते जंग की विभीषिकाओं पर पोस्ट करती है तो उसे ऐसा करने का हक है। दूसरों को यह नहीं दिखाना चाहिए कि वे कितने देशभक्त हैं या फिर उन्हें मिलकर उसका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। हर कोई इस राय से एकमत हो या नहीं, लेकिन उसका मजाक उड़ाना घिनौना काम है।
वहीं बबीता फोगट ने कहा कि वह रेप की धमकी निंदा करती हैं। यह गलत है, लेकिन मैं अपने देश के खिलाफ एक शब्द नहीं सुन सकती। दूसरी ओर योगेश्वर दत्त ने कहा कि वह गुरमेहर के खिलाफ नहीं हैं। वह उनका सम्मान करते हैं। वह शहीद की बेटी हैं लेकिन उनके विचार उनसे अलग हैं।
रचनात्मक आजादी पर बढ़ते हमलों की निंदा कर चुके अनुराग कश्यप ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल ध्रुवीकरण के लिए होने लगा है। दो साल पहले पोस्ट किए मूक वीडियो पर हंगामा, पद्यामती की घटना, रामजस का मामला, तारिक फतेह का मामला, इन सभी घटनाओं का ट्विटर और फेसबुक पर ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा है ताकि चुनाव का उन्हें मनचाहा परिणाम मिल सके।
धूलिया ने कहा कि एक निर्दोष छात्र को निशाना बनाना उसे व्यथित करता है। उसने जो कुछ कहा, उस पर सभी बड़े लोगों का टूट पड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने उसकी जिंदगी मुश्किल बना दी है। मुझे बहुत बुरा लगता है। यदि देश की अधिकांश जनता ऐसा ही सोचती है तो मुझे नहीं लगता कि देश सही दिशा में जा रहा है।
लोगों से अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करने की अपील करते हुए विद्या बालन ने कहा, ‘इस बारे में मैं ज्यादा नहीं कहना चाहती। मैं समझती हूं कि हमें वाकई लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करने की जरूरत है। वह कुछ कहता है या वह कुछ कहती है, सभी अपनी-अपनी जगह सही हैं।’ संगीतकार विशाल डडलानी ने भी कहा, ‘मैं एक राष्ट्रवादी हूं लेकिन एबीवीपी और भाजपा के लोग मेरी राष्ट्रीयता प्रमाणित नहीं कर सकते। मैं देश के प्रति जिम्मेदार हूं न कि गुंडों के प्रति। जय हिंद।’ [एजेंसी]