नई दिल्ली- गोवा में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच रविवार देर रात राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया। उन्हें शपथ लेने के बाद 15 दिन में बहुमत साबित करने के लिए कहा गया है। इस तरह भाजपा गोवा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस के मुंह से जीत छीनने में लगभग कामयाब हो गई है।
इससे पहले भाजपा ने रक्षा मंत्री मनोहर परिकर को मुख्यमंत्री बनाने के प्रस्ताव के सहारे महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फारवर्ड पार्टी सहित कुछ निर्दलीय विधायकों को साध लिया। अचानक हुए घटनाक्रम में पार्टी ने गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए रक्षा मंत्री परिकर के अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
रविवार को दिन में परिकर ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी, दो निर्दलीय और एक एनसीपी विधायक के समर्थन वाले पत्र के साथ राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की। राज्यपाल से मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ एक साझा प्रेस वार्ता में परिकर ने कहा, ‘भाजपा के जादुई आंकड़े से पीछे रह जाने के बावजूद नए गठबंधन के सहयोगियों की मदद से भाजपा ने बहुमत के लिए जरूरी 21 विधायकों का आंकड़ा हासिल कर लिया है। मैं वादा करता हूं कि हम राज्य में स्थायी सरकार देंगे, जो उसके विकास के लिए काम करेगी।’
‘राज्यपाल ने 15 दिन में बहुमत साबित करने के लिए कहा’
इसके कुछ समय बाद ही गोवा की राज्यपाल ने परिकर को गोवा का मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया। परिकर ने कहा, ‘राज्यपाल ने 15 दिन में बहुमत साबित करने के लिए कहा है।’ गौरतलब है कि 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा को 13, कांग्रेस को 18 सीटें हासिल हुई थी। एमजीपी और जीएफपी को तीन-तीन सीटें हासिल हुई थीं। इसके अलावा एनसीपी को एक व दो निर्दलीय को सफलता हाथ लगी थी। अब भाजपा गठबंधन का आंकड़ा 22 पहुंच सकता है।
इससे पहले, शनिवार को अचानक गोवा के मोर्चे पर भेजे गए गडकरी एमजीपी-जीएफपी सहित कुछ निर्दलीय विधायकों को साधने में सफल रहे। इनमें से ज्यादातर की शर्त परिकर को मुख्यमंत्री बनाने की थी जिसे गडकरी ने पीएम मोदी और पार्टी नेतृत्व से बात करने के बाद स्वीकार कर लिया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि गोवा फॉरवर्ड पार्टी का परिकर के नाम पर संकेत सकारात्मक था, जबकि एनसीपी विधायक की कुछ शर्तें है जिसे पार्टी ने पूरा करने का भरोसा दिया है। [एजेंसी]