देहरादून : त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के 9वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। शनिवार को देहरादून के परेड ग्राउंड में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में त्रिवेंद्र रावत ने शपथ ली। सतपाल महाराज ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। सतपाल महाराज के बाद प्रकाश पंत, हरक सिंह रावत, मदन कौशिक, यशपाल आर्य, अरविंद पांडेय, सुबोध उनियाल ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।
शपथ लेने से पहले आज तक के साथ खास बातचीत में त्रिवेंद्र सिंह रावत भावुक हो गये। उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकता स्वच्छ और पारदर्शी सरकार देना है। राज्य को विकास के शिखर की ओर ले जाना है, राज्य जिस हालत में है उससे राज्य को उभारना है। रावत बोले कि भगवान ने मुझे बहुत कुछ दिया है, यह बोलते हुए त्रिवेंद्र भावुक हो गये।
त्रिवेंद्र रावत की पत्नी सुनीता रावत ने कहा कि उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ हर जिम्मेदारी को निभाया है, वह आठ भाईयों में से सबसे छोटे हैं, उन्हें पूरे परिवार को सहयोग मिला है। सुनीता ने कहा कि त्रिवेंद्र साधारण खाना खाते हैं, बड़े धैर्यवान हैं उन्हें कभी गुस्सा नहीं आता है। वह हमेशा राज्य के हित में काम करेंगे।
त्रिवेंद्र सिंह रावत पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लाक के खैरासैण गांव के रहने वाले हैं। यहां साल 1960 में प्रताप सिंह रावत और भोदा देवी के घर त्रिवेन्द्र सिंह का जन्म हुआ। त्रिवेंद्र रावत के पिता प्रताप सिंह रावत सेना की रुड़की कोर में सेवा दे चुके हैं. रावत का सेना से खासा लगाव है। उन्होंने कई शहीद सैनिकों की बेटियों को गोद ले रखा है। वह सेना और भूतपूर्व सैनिकों से जुड़े कार्यक्रम में जाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं।
रावत संघ के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। मोदी एवं शाह के नजदीकी होने और संघ के भरोसेमंद स्वयंसेवक होने के कारण त्रिवेंद्र रावत आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं। पार्टी संगठन को हमेशा से त्रिवेन्द्र सिंह रावत की नेतृत्व क्षमता पर पूरा भरोसा रहा। लिहाजा उनको पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया. साथ ही झारखंड़ जैसे राज्य का प्रभारी और लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के सहप्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।