भिंड : मध्य प्रदेश में बांधवगढ़ और अटेर में विधानसभा उपचुनाव होने हैं लेकिन इससे पहले ईवीएम की सत्यता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ईवीएम से कोई भी बटन दबाने पर कमल के निशान को ही जाने का मामला सामने आया है। ये मामला चुनाव अधिकारी के ही सामने हुआ।
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चुनाव की तैयारी के मद्देनजर जब शुक्रवार को अटेर विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षा राज्य की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह ने पहली बार इस्तेमाल हो रही वीवीपेट (वोटर वेरीफाइडट पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीन का डेमो किया।
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इस मशीन में बटन दबाने के बाद जिसको वोट दिया है, उस निशान की पर्ची भी निकलती है। डेमो के लिए चुनाव अधिकारी ने ईवीएम में चार नंबर बटन दबाया। बटन दबने के बाद वीवीपेट पर कमल के फूल की पर्ची आ गई। VVPAT से निकली पर्ची पर सत्यदेव पचौरी का नाम और कमल का फूल छपा था। फिर से कोई दूसरा बटन दबाया गया। इस पर भी कमल का फूल छपा।
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खबर बनाई तो जेल भेज दूंगी
हालांकि, तीसरी बार जब एक नंबर का बटन दबाया तो पंजा निकला। मशीन ने एक बार नहीं कई बार गलती की, जिससे चुनाव अधिकारी भी हतप्रभ रह गईं।
चुनाव अधिकारी ने कहा-मीडिया में नहीं आनी चाहिए खबर मीडिया में नहीं मामले को टालने की कोशिश करते हुए चुनाव अधिकारी ने कहा कि पंजे का निशान भी आ गया इसलिए इसकी खबर मत बनाना, नहीं तो जेल भेज दूंगी। जिस तरह से ईवीएम में चुनाव अधिकारी और मीडिया के सामने गड़बड़ी दिखी उसको लेकर कांग्रेस ने चुनावों में इसके इस्तेमाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लहार विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह ने सभी पत्रकारों के सामने ईवीएम मशीन का डेमो परीक्षण किया और मशीन में जिस तरह से भाजपा के पक्ष में वोट जाने की बात सामने आई वो अब सबके सामने है। उन्होंने कहा कि ईवीएम की उच्चस्तरीय जांच जरूरी है, क्योंकि अब तक जो लोग ईवीएम पहर आरोपों को हवा-हवाई कह रहे थे उनको भी सुबूत मिल गया है।