खंडवा : आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने बिजली के नाम प्रदेश में चल रही भयावह लूट के बारे में एक और चौकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा करने वाले शिवराज सिंह बिजली के मामले में नर्मदा किनारे से बिजली की लूट कर प्रदेश की जनता को डुबोने जा रहें हैं. नर्मदा नदी के किनारे बन चुके तीन बिजली घरों से आम जनता के 33,000 करोड़ की लूट चालू हो गयी है और 3 अन्य निर्माणाधीन परियोजनाओं के बनने से प्रदेश की जनता के 1 लाख करोड़ और डूब जायेंगे.
कैसे चालू हो चुकी है 33,000 करोड़ की लूट:
नर्मदा किनारे खंडवा में सिंगाजी चरण एक, सिवनी में झाबुआ पॉवर और गाडरवारा में बी.एल.ए. पॉवर तीन बिजली घर बन चुके है. इन तीनों बिजली घरों से मंहगी बिजली होने के कारण हाल ही में राज्य विद्युत् नियामक आयोग के टैरिफ आदेश में इनसे बिजली खरीदने को मना कर दिया गया है. परन्तु इसके बावजूद बिना एक भी यूनिट बिजली ख़रीदे इन तीनों परियोजनाओ के लिए फिक्स्ड चार्ज के पैसे निम्नानुसार देने ही पड़ेंगे:
सिंगाजी चरण एक – 1074 करोड़ रूपये
झाबुआ पॉवर – 229 करोड़ रूपये
बी.एल.ए. पॉवर – 19.5 करोड़ रूपये
कुल – 1322.5 करोड़ रूपये
इस प्रकार इस वर्ष बिना एक भी यूनिट बिजली ख़रीदे नर्मदा किनारे बने इन 3 बिजली परियोजनाओं के लिए आम जनता के 1322.5 करोड़ रूपये देने पड़ेंगे. ये समझौते 25 साल के लिए हैं इस प्रकार 25 साल में आम जनता के कुल 33,000 करोड़ रूपये की लूट होगी. उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी ने सिद्द किया है कि झाबुआ पॉवर और बी.एल.ए. पॉवर के साथ किया गया समझौता पूरी तरह गैरकानूनी है.
1 लाख करोड डुबोने को तैयार शिवराज सरकार
उपरोक्त तीन बिजली घरों के अतिरिक्त नर्मदा नदी के किनारे 3 और बिजली घर निर्माणाधीन है. इन विद्युत घरों का विवरण निम्नानुसार है:
1. एन. टी. पी. सी. द्वारा गाडरवारा ताप विद्युत गृह, क्षमता 1600 मेगावाट, मध्य प्रदेश का हिस्सा 800 मेगावाट.
2. एन. टी. पी. सी. द्वारा खरगोन जिले में खरगोन सुपर ताप परियोजना क्षमता 1320 मेगावाट, मध्य प्रदेश का हिस्सा का हिस्सा 660 मेगावाट
3. मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा निर्मित सिंगाजी ताप विद्युत गृह चरण दो, क्षमता 1320, मध्य प्रदेश का हिस्सा का हिस्सा 1188 मेगावाट.
तीनो का कुल उत्पादन क्षमता 4240 मेगावाट
तीनो में मध्य प्रदेश का हिस्सा 2648 मेगावाट
तीनों बिजली घरों के लिए फिक्स्ड चार्ज 4,000 करोड़ प्रति वर्ष (म.प्र. का हिस्सा)
मध्य प्रदेश के हिस्से 2648 मेगावाट क्षमता का फिक्स्ड चार्ज रु 4,000 करोड रूपये प्रति वर्ष होगा. आज मध्य प्रदेश में औसत बिजली की मांग लगभग 8,000 मेगावाट है, जबकि कुल बिजली की उपलब्धता 17,500 मेगावाट है. ऐसे में अतिरिक्त एवं महंगी बिजली होने के कारण इन बिजली घरों से भी हम बिजली नहीं खरीदेंगे पर हमें फिक्स्ड चार्ज के 4,000 करोड़ रूपये हर साल देने ही पड़ेंगे. ये समझौते भी 25 साल के लिए हुए हैं इस प्रकार मध्य प्रदेश की जनता के 1 लाख करोड़ रूपये बिना एक भी यूनिट बिजली ख़रीदे लूट लिए जायेंगे.
शिवराज सिंह जवाब दें:
शिवराज सिंह जी गत दो माह से नर्मदा सेवा यात्रा कर रहें है. वह प्रदेश की आम जनता को जवाब दे कि
· क्यों नर्मदा किनारे बने 3 बिजली घरों से बिना बिजली ख़रीदे आम जनता के 33,000 करोड़ रूपये लूटे जा रहे हैं?
· क्यों जरुरत नहीं होने पर भी नर्मदा किनारे 3 और बिजली घर बनाकर प्रदेश की जनता के 1 लाख करोड़ रूपये लूटने की तैयारी की जा रही है?
· क्यों गैर जरुरी और गैर क़ानूनी समझौतों को रद्द करके मध्य प्रदेश की बिजली के दाम आधे नहीं किये जा रहे हैं?
· क्यों दिल्ली में जिस 200 यूनिट बिजली के दाम 462 रूपये है, मध्य प्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बावजूद 200 यूनिट के दाम 1360 रूपये है?
आम आदमी पार्टी मांग करती है कि मध्य प्रदेश सरकार इन 6 परियोजनाओं से किये गए समझौतों को रद्द करे ताकि प्रदेश की जनता के 1,33,000 करोड़ रूपये बचाए जा सकें. आम आदमी पार्टी का बिजली आन्दोलन पूरी ताकत से जारी है और पार्टी का संकल्प है कि वह प्रदेश की जनता के बिजली के दाम आधे कराकर रहेगी.