नई दिल्ली : ब्रिटेन से मशहूर कोहिनूर हीरे को भारत लाने की कोशिशों को विराम लग गया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के जवाब से संतुष्ट होकर इसे लाने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर के नेतृत्व वाली तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने कहा कि दोनों जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की जरुरत नहीं है, क्योंकि कोर्ट केंद्र से मिले जवाब से संतुष्ट है।
याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गयी कि अगर केंद्र मामले में कूटनीतिक कदम उठाएं तो देश की बहुमूल्य वस्तुओं को वापस लाया जा सकता है। केंद्र के इस कदम की निगरानी कोर्ट द्वारा करने की मांग की गयी थी। जिस पर कोर्ट की ओर से कहा गया कि वो सरकार की कूटनीतिक कोशिशों की निगरानी नहीं कर सकता है। इससे पहले की सुनवाई में पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच की ओर से मामले में केंद्र सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा गया था कि आखिर कोहिनूर हीरे को वापस लाने को लेकर सरकार की ओर से क्या कोशिशें की जा रही हैं।
बता दें कि कोहिनूर हीरे के मुद्दे पर वर्ष 2016 में केंद्र की ओर से हलफनामा दाखिल कर कहा गया कि जब महाराजा दिलीप सिंह नाबालिग थे, उस वक्त इस पर ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा कब्जा कर लिया गया। ऐसे में इस हीरे पर भारत का हक बनता है। जबकि दूसरी ओर कहा जाता है कि राजा ने इस हीरे को बतौर तोहफा दिया था।