बुलंदशहर : सुकमा में शहीद हुए सीआरपीएफ के 25 जवानों की मौत के बाद एक ही सवाल सबके मन में उठ रहा है कि आखिर कब तक हमारे देश के जवान इस तरह अपनी जिंदगियां खोते रहेंगे। इस हमले को साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला बताया जा रहा है। इस हमले में कई जवान गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। इन्हीं घायलों में से एक हैं, कांस्टेबल शेर मोहम्मद।
सोमवार को नक्सली हमले में घायल हुए शेर मोहम्मद जहां अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं, वहीं उनकी मां के साथ पूरा गांव उनके लिए सलामती की दुआ कर रहा है। शेर मोहम्मद की मां फरीदा ने मीडिया के सामने कहा, ‘मेरे बेटे ने पांच नक्सलियों को मारा। मुझे मेरे बेटे पर फक्र है। मेरे साथ पूरा गांव उसकी सलामती की दुआ कर रहा है।’
कांस्टेबल के पद पर तैनात शेर मोहम्मद यूपी के बुलंदशहर के रहने वाले हैं। उनके पिता भी भारतीय सेना में थे। गांव वाले उनके लिए रात से ही प्रार्थना कर रहे हैं। शेर मोहम्मद ने बताया कि नक्सलियों की संख्या 300 के करीब थी, वहीं हमारी संख्या 150 के आस-पास थी। हमने भी जमकर फायरिंग की। उन्होंने बताया कि तीन से चार नक्सलियों के सीने पर मैंने खुद गोली मारी है।
जवान ने बताया कि हमले के दौरान सीआरपीएफ टीम ने भी पलटवार किया। शेर मोहम्मद ने बताया कि हमले में दोनों ओर से जमकर फायरिंग की गई। इसमें कई नक्सली भी मारे गए हैं। फिलहाल इस नक्सली हमले को लेकर देशभर में दुख का माहौल है। हमले में 6 जवान घायल भी बताए जा रहे हैं। हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी।
अस्पताल में भर्ती शेर मोहम्मद से जब हमले को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि आखिर कैसे नक्सलियों ने बेहद गोपनीय अंदाज में इस हमले को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने हमले से पहले इसकी पूरी रणनीति बनाई थी। उन्होंने हमले से पहले हमारी सही स्थिति की जानकारी के लिए ग्रामीणों की सहायता ली। घायल सीआरपीएफ जवान शेर मोहम्मद ने बताया कि नक्सलियों ने पहले ग्रामीणों को हमारी स्थिति जानने के लिए भेजा। जब उन्हें हमारी टीम की स्थिति का पता चल गया तो करीब 300 नक्सलियों ने हम पर हमला कर दिया।