लखनऊ : प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को सत्ताधारी भाजपा पर किसानों के उत्पीडन का आरोप लगातें हुए जोरदार हमला बोला । प्रदेश प्रवक्ता संजय बाजपेई ने कहा कि योगी सरकार जोर-शोर से जिस प्रकार आलू को खरीदने का ढिंढोरा पीट रही थी और किसानों का आलू उनके घरों एवं खेतों में सड़ रहा है ठीक वही हालात प्रदेश के गेहूं किसानों का है। किसान अपनी गेहूं की फसल औने-पौने दामों पर बिचौलियों के हाथों बेचने को मजबूर है और भाजपा सरकार का अस्सी लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य सिर्फ भाषणों तक सीमित होकर रह गया।
बाजपेयी ने कहा कि राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के आधे से अधिक जनपदों में पल्लेदार मजदूरों और परिवहन ठेकेदार तक नहीं ढूंढे नहीं मिल रहे हैं वहीं बिजली की अनुपलब्धता के चलते जिस प्रकार प्रदेश सरकार ई परचेजिंग का थोथा प्रचार कर रही थी वह भी ई परचेजिंग के लिए आवश्यक संसाधन बिजली, कम्प्यूटर, इंटरनेट, प्रिन्टर आदि न होने के चलते खोखला साबित हो रहा है। किसी भी जनपद में गेहूं क्रय केन्द्र संचालित नहीं हो रहा है नतीजा यह है कि किसान गेहूं की फसल को बिचौलियों के हाथों बेंचने के लिए मजबूर हो रहा है और उसकी खून पसीने की गाढ़ी कमाई धूल में मिल रही है।
बाजपेयी ने कहा कि गेहूं क्रय केन्द्रों को संचालित करने के लिए पल्लेदार मजूदर की मजदूरी से लेकर परिवहन की दरें इतनी कम और अव्यवहारिक है कि पल्लेदार और परिवहन ढूंढे नहीं मिल पा रहे हैं जिसके चलते प्रदेश में बनाये गये क्रय केन्द्र सिर्फ दिखावा बनकर रह गये हैं। प्रदेश सरकार की गेहूं क्रय की अव्यवहारिक और गलत नीतियों का शिकार प्रदेश का किसान हो रहा है और उसको अपनी उपज का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों के गेहूं खरीद केन्द्रों को लेकर कतई गंभीर नहीं है सिर्फ बयानबाजी तक ही सीमित है।
रिपोर्ट @शाश्वत तिवारी