लखनऊ : रमजान के पहले जूमे में उमडा नमनिजयों का सैलाब, शांति के लिए मांगी दुआ,जूमे के खुत्बे मै यमन और बेहरीन की वर्तमान स्थिति पर मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने चिंता जताई।
महे रमजान के पहले जूमे में मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने दुनिया की मुहब्बत और महे रमजान के महत्व के विषय पर रोजेदारों को संबोधित कया।मौलाना ने महे रमजान की अजमत बताते हुए कहा कि माहे रमजान में रोजेदार अल्लाह का महमान होता है,इस महीने में मेहमानदारी की सारी जिम्मेदारी अल्लाह पर होती है मगर हम देखते हैं कि मेजबान दुनिया की सभी नेमतों और खाने पीने की चीजों के उपयोग पर पाबंदी लगा दी है ,महमान होते हुए न हम कुछ खा कते है ना पी सकते हैं,
सब कुछ सामने मौजूद होते हुये भी हैं हम उनसे लाभ नहीं ले सकते, आखरि ये कैसी महमाननवाजी है? मौलाना ने वजाहत करते हुए कहा कि इंसान अपनी वास्तविकता में केवल जिस्म का नाम नहीं है बल्कि आत्मा का नाम है इंसान का शरीर खत्म हो जाता है मगर आत्मा हेमाशा बाकी रहती है। इसलिए अल्लाह शरीर की महमाननवाजी का नहीं बल्कि आत्मा की महमाननवाजी का प्रबंधन करता है। अगर आत्मा मजबूत होगी और सभी आलोदगयों से मुक्त होगी तो शरीर पर भी उसके प्रभाव होंगे।
मौलाना ने वैश्विक संदर्भ में बोलते हुए कहा कि रमजान के मुबारक महीने मैं मुसलमान, मुसलमान का कत्ल कर रहा है यह निंदनीय और दुखद प्रक्रिया है। अफगानिस्तान में विस्फोट हो रहे हैं, कभी यमन और बहरीन में मुसलमानों का नरसंहार किया जा रहा है।मौलाना ने वैश्विक मीडिया के दोहरे मापदंड की निंदा करते हुए कहा कि अगर शाम में किसी की हत्या होती है या कोई विस्फोट होता है तो विश्व का मीडिया हंगामा बरपा कर देता है लेकिन यमन पूरी तरह नष्ट हो चुका है लेकिन विश्व का मीडिया दर्शक बना हुआ है और कोई खबर नही दी जाती ।
मौलाना ने अधिक कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि आले खलीफा ने बहरीन में धार्मिक नेता अयातुल्ला शेख ईसा कासिम को नजरबंद कर रखा है,उनके साथ उनके समर्थकों पर भी अत्याचार व हिंसा की जा रही है ,आले खलीफा उन्हें वतन बर्द करना चाहते हैं जिसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।मौलाना ने कहा कि आले खलीफा, आईएस, तालिबान और अलकायदा का एक ही जन्म दाता है जिसका नाम इसराइल है,
आज भी वही इन शक्तियों को बढ़ावा दे रहा है।मौलाना ने संयुक्त राष्ट्र की चुप्पी की निंदा करते हुए कहा कि यमन के विनाश और चिंताजनक स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट तो सामने आई है मगर अफसोस कि संयुक्त राष्ट्र ने यमन के हालात बेहतर बनाने के लिए कोई उल्लेखनीय कोशिश नहीं की।
यही सूरतेहाल बहरीन में हो रही हिंसा और क्रूर घटनाओं पर जारी है। संयुक्त राष्ट्र को चाहिए कि अपने इखतियारात का उपयोग करते हुये बहरीन में आले खलीफा के जुल्म व हिंसा पर प्रतिबंध लगाया जाए और बहरीन की जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये साथ ही अयातुल्ला शेख ईसा कासिम को सुरक्षा प्रदान की जाये।
मौलाना ने ट्रम्प के दौरेए सऊदी अरब पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आका और गुलाम के अंतर का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ईरान में कोई भी महिला बिना हिजाब नहीं जा सकती है चाहे वह किसी भी बड़े पद पर ही कियों न हो लेकिन सऊदी अरब में ट्रम्प की पत्नी के साथ सऊदी शाहजादे और खादिमे हरमैने शरीफैन गर्मजोशी के साथ हाथ मिला रहे थ,े मुसलमानों को अब समझ लेना चाहिए कि कौन गुलाम है और कौन आका है।
@शाश्वत तिवारी