मद्रास हाईकोर्ट ने वंदे मातरम पर आदेश जारी किया है। मंगलवार (25 जुलाई) को मद्रास हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में हफ्ते में एक दिन वंदे मातरम बजाना जरूरी होगा। यह एक दिन सोमवार से शुक्रवार के बीच होगा। इसके साथ ही सरकारी दफ्तरों, संस्थानों, प्राइवेट कंपनी और किसी भी फैक्ट्री में कम से कम एक बार राष्ट्रगान बजाना होगा। मद्रास हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर किसी को वंदे मातरम गाने में दिक्कत है तो उसे बाध्य नहीं किया जाएगा। लेकिन वजह तर्कपूर्ण होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति एमवी मुरालीधरन ने इस फैसले के संबंध में और भी कई बाते कही। उन्होंने कहा, “अगर लोगों को राष्ट्रीय गीत बंगाली या संस्कृत भाषा में गाने में परेशानी होती है तो राष्ट्रीय गीत को तमिल भाषा में ट्रांस्लेट करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।” साथ ही कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी साफ कर दिया है कि किसी को अगर गीत गाने में परेशानी होती है तो उसे गाने के लिए जबरन मजबूर न किया जाए।
कोर्ट ने कहा कि युवा इस देश का भविष्य है। ट्रांस्लेशन के लिए कोर्ट ने कहा कि लोक सुचना अधिकारी वंदे मातरम का तमिल और अंग्रेजी भाषा का रूप जल्द ही सरकारी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पर शेयर किया जाए।