अमेठी. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के चुनावी रण क्षेत्र बनने के बाद अमेठी में तो विकास की नदियाँ बह जानी चाहिए थी, लेकिन वीआईपी ज़िला की श्रेणी में शुमार अमेठी सिर्फ कहने भर को वीआईपी ज़िला है। हकीक़त ये है कि शिक्षा की बात करने वाले इन दोनों नेताओं के दावों की यहां के प्राइमरी स्कूलों के रास्तों ने पोल खोल कर रख दिया है। बरसात के इस मौसम में स्कूल आने वाले बच्चे तैर कर स्कूल आने को बाध्य हैं।
हादसे का शिकार हो सकते हैं बच्चे
आपको बता दें कि बरसात में अमेठी ज़िलो के कई ब्लाकों में बने प्राइमरी स्कूलों में अगर आप बच्चों को पढ़ने के लिए भेज रहे हैं तो फिलहाल न भेजे। इसलिए के दूर से चमकने वाली अमेठी पास आकर देखने में तालाब और कीचड़ से पटी पड़ी है। आलम ये है के प्राइमरी स्कूल को जाने वाले रास्तों पर ज़बर्दस्त पानी का अम्बार लगा है या फिर कीचड़ का दलदल है। स्कूल आने वाले बच्चे इस पानी में तैर कर आ रहे या कीचड़ में गिरते-पड़ते। ऐसे में बच्चे कब हादसे का शिकार हो जाए और घर वालों की मुसीबतें बढ़ जाए इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
जनापुर प्राथमिक विद्यायल का रास्ता तालाब में तबदील
इस हकीक़त को जानने के लिए ब्लाक जामो के जनापुर में प्राथमिक विद्यायल की तस्वीर क़रीब से देखने को मिली जिसने ऊपर लिखी बातों का सार्थक प्रमाण बनी। स्कूल का मुख्य मार्ग तालाब में तब्दील हो चुका है, बच्चे इसमें तैर कर स्कूल के लिए आते देखे गए। कोई बच्चा फिसल कर गिर रहा था तो किसी बच्चे के कपड़े खराब हो रहे थे। आलम ये था कि गिरने की डर से बच्चों ने चप्पल और जूते हाथों में ले रखे थे। शिक्षामित्र हरिकेश यादव का कहना है हर साल की स्थित यही है। बच्चे मंदीप ,नीलू, करन, सुरजीत, का कहना है कि जब सुबह स्कूल जाते समय पानी में बच्चे गिर जाते है तो उनको टीचर घर भेज देते है। जिससे हर दिन 10 से 15 बच्चों को क्लास छूट जाती है।
माध्यमिक विद्यालय रामदयपुर में कच्चा रास्ता कीचड़ से पटा
कुछ यही आलम अमेठी के रामदयपुर के माध्यमिक विद्यालय का है, जहां बच्चो को अपने स्कूल जाने के लिये कच्चे रास्ते से जाना पड़ता। यहाँ पर अभी तक सड़क तक नही बनी है ग्राम प्रधान और सरकार की अनदेखी की वजह से बच्चो को मुश्किलो का सामना करना पड़ता है। बरसात के समय मे स्थिति इतनी खराब हो जाती है की बच्चे स्कूल जाते ही रास्ते मे गिर जाते है और उन्हें मजबूरन स्कूल न जाकर घर वापस जाना पड़ता है। जिससे बच्चो का भविष्य सड़क न होने का की वजह से अंधकार मय हो सकता है।
डीएम बोले संज्ञान में नहीं मामला
इस मामले पर डीएम अमेठी योगेश कुमार से जब बातचीत किया गया तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं है। मीडिया के माध्यम से अब जानकारी मिल रही है तो अति शीघ्र इसे दिखाया जाएगा। प्रशासनिक अधिकारियों और प्रधान को आदेश कर जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकाला जाएगा।
रिपोर्ट@राम मिश्रा