लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पूर्ण होने के उपरान्त आज विधानसभा अध्यक्ष की ओर से आज एक पत्रकारवार्ता विधानसभा के राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन हाल में आयोजित हुयी। उक्त प्रेसवार्ता में विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि अत्यंत सुन्दर सत्र रहा। 11 दिन चले इस सत्र में अन्तिम 5 दिन प्रतिपक्ष सदन में नहीं रहा। यदि वे रहते तो सत्र और सुन्दर रहता। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि इस सत्र के समय सब की निगाह उत्तर प्रदेश की ओर लगी थीं। यह महत्वपूर्ण बजट सत्र था। सत्तापक्ष के साथ ही यह सत्र सता से असहमत पक्ष (विपक्ष ) के लिए भी अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है।
95 सदस्यों ने इस सत्र के दौरान अपनी बात विभिन्न अवसरों पर रखी। यह सदन के सदस्यों का 18 प्रतिशत रहा। विपक्ष के 27 सदस्य बोले। उन्हें यह अवसर मिला, तथा नेता प्रतिपक्ष, नेता बसपा तथा नेता कांग्रेस को अतिरिक्त समय सदन में बोलने के लिए मिला।
अध्यक्ष के रूप में मेरी कोशिश रही कि नए सदस्यों को पूरा अवसर मिले। कई नए सदस्यों ने पूरे उत्साह से और बहुत अच्छा बोला भी।
सदन की कार्रवाई का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस बार सत्र के दौरान जो काम हुआ उसमे..
419 अभिसूचित प्रश्न
703 मूल तारांकित प्रश्न
कुल उत्तरित प्रश्नों की संख्या 1113
कार्य स्थगन की 73 सूचना प्राप्त हुईं।
520 सूचना 48 ग्रह हुईं, 171 पर ध्यान आकर्षित कर उत्तर देने के लिए सरकार को भेजा।
नियम 300 के अंतर्गत विधानसभा के संचालन से सम्बंधित 10 से 12 मामले भी आये, जिसमे कि मनीष असीजा द्वारा उठाया गया विषय (विपक्ष द्वारा समानान्तर सदन चलाने का मामला) जिसपर मेरे द्वारा नोटिस जारी करके यह जानने का निर्णय लिया गया कि ऐसा क्यों हुआ, किन परिस्थितियों में हुआ और क्या यह होना चाहिए था।
एक प्रश्न के उत्तर में विधानसभा मंडप में मिले संदिग्ध पदार्थ मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि नियमित रूप से सदन में काम काज के लिए जाने वाले कुछ अधिकारियों कर्मचारियों ने यह जानकारी दी। फिर मेरे द्वारा यह जानकारी सरकार को भेजी गयी। इसके बाद नेता सदन ने इसपर अपनी ओर से जानकारी दी। तथा अब उस पर आगे जांच चलरही है।
नेता प्रतिपक्ष के बोलते समय उनका माइक बन्द किये जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसा समाचारपत्रों में भी आया है। मेरी ओर से ऐसा नहीं किया गया परन्तु सदन की एक प्रक्रिया है कि जब अध्यक्ष की पीठ से यदि दूसरा मद ले लिया जाता है, तो माइक स्वतः बन्द किये जाने की व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को सदन में रहना चाहिये था। उनको बहिर्गमन के समय मेरी ओर से कहा भी गया कि अब आप ज्यादा गुस्सा हो गए हो। यदि वो कार्य मन्त्रणा बैठक में आजाते तो मामला इतना न खिंचता।
@शाश्वत तिवारी