सुल्तानपुर. सुशासन में बदलने के लिए बीजेपी ने जनता से बड़े-बड़े वादे किए थे। जिसके बाद तख्ता पलट हुआ, योगी राज के रूप में चालू हुए नए शासन को चलते 4 महीने बीत गए। लेकिन स्थित पूर्व की सरकार के कुशासन की सी नज़र आ रही है। बानगी के तौर पर लम्भुआ के बीजेपी एमएलए का ताज़ा प्रकरण है, जिनके विरुद्ध कोर्ट में जबरन ज़मीन कब्जा कराने को लेकर अर्जी दाखिल हुई है।
स्टे के बावजूद कब्जा दिलाने का प्रकरण
गौरतलब रहे कि लंभुआ थाना क्षेत्र के गोपालपुर निवासी श्यामलाल की गांव में ही कुछ ज़मीने हैं। श्यामलाल का आरोप है कि जिस ज़मीन पर कोर्ट का स्टे है उसी ज़मीन को लम्भुआ विधायक देवमणि द्विवेदी ने अपने पद की हनक के बल पर तात्कालीन एसओ मदनलाल को हमवार कर जबरन कब्जा करा दिया।
योगी राज में अधिकारियों ने नहीं सुनी तो पीडित पहुंचा कोर्ट
श्यामलाल ने उक्त मामले में उच्चाधिकारियों से शिकायत किया। बावजूद इसके अधिकारी पीडित को न्याय दिलाते वो कार्यवाही से परहेज करने लगे। ऐसे में सवाल यूपी के स्वच्छ छवि के सीएम योगी और उनकी सरकार पर भी उठा कि उक्त सरकार में भी नियम कानून नहीं बल्कि प्रभावशाली लोगों के पक्ष में ही अधिकारी आज भी कार्य कर रहे हैं।
थक हार कर कहीं से न्याय न मिलता देख पीडित ने सीजेएम कोर्ट में
भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी समेत सात लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने को लेकर अर्जी डाली है।
एमएलए ने आरोप को बताया निराधार
वहीं इस मामले में जब बीजेपी एमएलए देवमणि द्विवेदी से बातचीत किया गया तो उन्होंने कहा कि उन पर लगे आरोप निराधार हैं। ये सब उनके विरोधियों की साजिश है, जो उनकी ख्याति से हतोत्साहित हैं।
रिपोर्ट@राम मिश्रा