सरकार ने आगामी एक अक्तूबर (2017) से आधार कार्ड को मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए भी जारी किया था। इस दौरान सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा था कि आगामी एक अक्तूबर (2017) से मृत्यु प्रमाण-पत्र तब जारी किया जाएगा जब मृतक के परिजन अधिकारियों को आधार नंबर मुहैया कराएंगे।
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) ने अधिसूचना में कहा कि आवेदक को मृतक का आधार नंबर या एनरोलमेंट आइडी नंबर और मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन में मांगी गई अन्य जानकारी मुहैया करानी होगी जिससे कि मृतक की पहचान स्थापित हो सके। ये अधिसूचना असम, जम्मू-कश्मीर और मेघालय के लिए भी जारी की गई थी।
हालांकि मामले में बढ़े विवाद के बाद अब संबंधित अधिकारी ने इस पर सफाई दी है। अधिकारी ने कहा है कि अगर मृतक का आधार नहीं है तो परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
अधिकारी ने आगे कहा कि मृतक के लिए आधार इसलिए जरूरी किया गया था क्योंकि कुछ लोग सब्सिडी और अन्य सुविधाओं के लिए मृत लोगों के नाम का इस्तेमाल करते थे। गौरतलब है कि सरकार 300 से ज्यादा योजनाओं के माध्यम से करीब 6000 करोड़ रुपए लोगों के खाते में डालती है।