नई दिल्ली: लोकायुक्त को लेकर एक बार यूपीए सकार को हिला चुके समाजसेवी अन्ना हजारे ने फिर से इसकी मांग उठाई है। उन्होंने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है जिसमें अपील की है वो लोकायुक्त की नियुक्ति और स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करें। अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो वो फिर से आंदोलन करेंगे।
अन्ना ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में लिखा है कि उनका विरोध मोदी सरकार के खिलाफ होगा। उन्होंने कहा है कि उस ऐतिहासिक आंदोलन को 6 साल पूरे हो गए हैं जिसके माध्यम से लोगों में भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना जगा था। लेकिन इतने साल बाद भी सरकार ने लोकायुक्त नियुक्ति को लेकर कोई कदम नहीं उठाया।
उन्होंने आगे लिखा है कि वो अपने अगले पत्र में आंदोलन का दिन और तारीख लिखकर भेजेंगे। अन्ना ने आगे लिखा है कि सत्ता में आने के तीन साल बाद भी लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर कोई जवाब नहीं मिला। मैंने आपको याद दिलाने के लिए कई पत्र लिखे जिनका जवाब मुझे नहीं मिला।
जिन राज्यों में आपकी सरकारे हैं वहां भी लोकायुक्त नियुक्त नहीं किए गए। जो दिखाता है कि आप में लोकपाल कानून पर अमल करने की इच्छशक्ति का अभाव है। मैंने अपने अंतिम पत्र में लिखा था कि लोकपाल और लोकायुक्त कानून पर अमल नहीं होता तो मेंरा अगला पत्र आंदोलन की जानकारी को लेकर होगा। अब मैंने फिर से दिल्ली में आंदोलन का निर्णय किया है।
स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट
18 नवंबर 2004 को कृषि की समस्या को गहराई से समझने और किसानों की प्रगति का रास्ता तैयार करने के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन किया गया था। इस आयोग के चेयरमैन कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस स्वामिनाथन थे। इसलिए ही इसे स्वामीनाथन रिपोर्ट के नाम से जाना जाता है। आयोग ने सिफ़ारिश की थी कि किसानों को उनकी फ़सलों के दाम उसकी लागत में कम से कम 50 प्रतिशत जोड़ के दिया जाना चाहिए।