नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट में वैवाहिक बलात्कार (मैरिटल रेप) मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि शादी के बाद पति को इस बात का लाइसेंस नहीं मिल जाता कि वह पत्नी का रेप करे।
शादीशुदा महिला का भी अपने शरीर पर वही अधिकार होता है, जो एक अविवाहित महिला का होता है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने बुधवार को कहा कि शादी का मतलब ये नहीं है कि पति की डिमांड पर उसे यौन संबंध का अधिकार मिल जाए।
शादी के लाइसेंस को इस तरह नहीं देखा जा सकता कि पति को इस बात के लिए लाइसेंस मिल गया है कि वह पत्नी के साथ जबरन सेक्स संबंध बनाए।
@एजेंसी