डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ हत्या के दो मामलों में पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई चल रही है। पंचकूला में अर्द्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की टुकड़ियों को तैनात किया गया है। 50 वर्षीय गुरमीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोहतक जेल से अदालत के समक्ष पेश हुआ। वह बलात्कार के दो मामलों में 20 वर्ष कैद की सजा भुगत रहा है।
सीबीआई अदालत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामलों की सुनवाई कर रही है। हत्या के लिए उम्रकैद या मृत्युदंड का प्रावधान है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बी एस संधू ने आज यहां बताया, ‘‘मामलों में सुनवाई से पहले हमने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं।’’ उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पंचकूला में अर्द्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की टुकड़ी को तैनात किया गया है। संधू ने कहा, ‘‘राम रहीम के खिलाफ मामले में सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी जो रोहतक जेल में बंद है।’’ बलात्कार के दो मामलों में सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 अगस्त को राम रहीम को 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी।
– राम रहीम के खिलाफ खट्टा सिंह ने फिर से बयान दर्ज कराने की अर्जी दी है। सिंह राम रहीम के खिलाफ चल रहे हत्या के मामलों में गवाह था और 2007 में अपना बयान दर्ज कराया था, मगर 2012 में उसने अपना बयान बदल लिया था। उसका कहना है कि उसने पलटी इसलिए मारी क्योंकि ‘बाबा और उसके गुंडों’ की तरफ से दबाव था।
– राम रहीम का पूर्व ड्राइवर, खट्टा सिंह अदालत के सामने मुख्य गवाह के रूप में पेश होना चाहता है। वह पहले अपना बयान बदल चुका है। अदालत यह तय करेगी कि मामले में 22 सितंबर को उसकी गवाही की जरूरत है या नहीं।
– पंचकूला में बड़ी संख्या में पैरामिलिट्री फोर्सेज और पुलिस बल तैनात किया गया है।
– सीबीआई अदालत में सुनवाई शुरू हो गई है।
– दूसरा मामला डेरा के प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या से जुड़ा हुआ है जिनकी 2002 में हत्या हुई थी। अज्ञात पत्र को प्रसारित करने में उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए उनकी हत्या की गई थी। हत्या का शिकार बने दोनों लोगों के परिजन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने नवम्बर 2003 में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। हत्या मामले में सीबीआई ने 30 जुलाई 2007 को आरोपपत्र दायर किया था।
– अभियोजन के मुताबिक सिरसा के पत्रकार छत्रपति की अक्तूबर 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके अखबार ‘पूरा सच’ ने एक गुमनाम पत्र छापा था जिसमें बताया गया था कि किस तरह से सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में महिलाओं का यौन उत्पीड़न होता था।