पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाए जाने के मामले में कोलकाता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है।
इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ममता सरकार से सवाल किया कि राज्य सरकार दो समुदायों को लेकर अंतर क्यों पैदा कर रही है? कोर्ट ने कहा कि उन्हें सौहार्द के साथ जीने दो, उनके बीच में कोई रेखा मत खींचो, उन्हें साथ में जीने दो।
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल ममता सरकार ने इस साल पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाई हुई है। दुर्गा पूजा के अगले दिन मोहर्रम होने के कारण मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि 1 अक्तूबर को मोहर्रम होने के कारण दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
गौरतलब है कि ममता सरकार ने यह फैसला तब किया जब कलकत्ता हाई कोर्ट ने पिछले साल इस प्रकार की जनहित याचिकाओं पर रोक लगा दी थी।