गुजरात की राजधानी गांधीनगर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर एक दलित युवक को स्टाइलिश मूंछ रखने कारण कथित तौर पर ऊंची जाती के लोगों ने उसे बुरी तरह पीटा। गांधीनगर के काकोल तालुका में लिंबोदरा गांव में रहने वाले पीड़ित पीयूष परमार (25) ने बताया कि बीती 25 सिंतबर को दरबार समुदाय को लोगों ने उसके साथ मारपीट की। क्योंकि उन लोगों को पसंद नहीं आया कि दलित समुदाय का युवक मूंछ रखे।
वहीं पुलिस ने उत्पीड़न के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आरोपियों की पहचान मयूर सिंह वघेला, राहुल विक्रमसिंह और अजीत सिंह वघेला के रूप में हुई। मामले की जांच एसपी स्तर के अधिकारी द्वारा की जा रही है। एफआईआर के अनुसार पीयूष परमार, जो गांधीनगर एक निजी फर्म में काम करता है, अपने चचेरे भाई दिगांत महेरिया के साथ गरबा देखकर घर घर लौट रहे थे। रास्ते में कुछ लोगों ने उन्हें जातिसूचक भद्दी गालियां दीं।
पीड़ित परमार ने टीओआई को बताया, ‘वहां बहुत अंधेरा था। हम उन्हें देख नहीं सकते थे। जहां से गालियों की आवाज आ रहीं थीं हम वहां पहुंचे। वहां दरबार समुदाय के तीन युवक थे। हालांकि किसी तरह झगड़े से बचने के लिए हमने इसे नजरअंदाज किया। लेकिन वो हमारा पीछा कर घर तक पहुंच गए और दोबारा गालियां देने लगे। उन्होंने पहले दिगांत को पीटा और फिर मुझे भी पीटने लगे। वो बार-बार पूछ रहे थे कि नीची जाति के होने के कारण में मैं मूछ कैसे रख सकता हूं।’ आरोपियों के खिलाफ कालोल पुलिस स्टेशन में आईपीसी के धारा 323, 504 और 114 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
जानकारी के लिए बता दें कि इसस पहले भी गुजरात में ऊंची जाति के कुछ लोगों द्वारा एक दलित परिवार की कथित तौर पर बेरहमी से पीटा गया। यहां एक बार फिर से ऊना कांड जैसे मामले को दोहराने की कोशिश की गई। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक गुजरात के आणंद जिले के सोजित्रा तालुका के कासोर गांव में कथित रूप से ऊंची जाति के कुछ लोगों ने एक दलित महिला और उसके बेटे को पहले नंगा किया और फिर बेंत से बुरी तरह पिटाई की।
घटना 12 अगस्त की थी। घटना में पीड़िता मणिबेन (45) और शैलेश रोहित (21) की भीड़ ने लाठियों से पिटाई की और अपशब्द कहे। इस घटना में भी गांव के दरबार (क्षत्रिय) समुदाय के लोगों का हाथ बताया गया।