लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार के छह महीने के बारे में बात करते हुए कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था, जीएसटी, नोटबंदी, रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा, राम मंदिर सहित प्रदेश की कई घटनाओं पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि छह महीना लंबा समय नहीं है, लेकिन फिर भी सरकार की मंशा और इरादे साफ हो गए हैं कि हम प्रदेश क विकास के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं। राम मंदिर के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं लेकिन यह मामला कोर्ट में है, लिहाजा लोगों को फैसले का इंतजार करना चाहिए। हम अयोध्या के महत्व को दरकिनार नहीं कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर भी जमकर हमला बोला और तमाम मुद्दों पर विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया।
वहीं रोहिंग्या मुद्दे पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों में म्यांमार में कई हिंदुओं को नरसंहार किया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है। रोहिंग्या शरणार्थी नहीं आतंकी हैं, इनके तार आतंकियों से जुड़े हैं, बावजूद इसके अगर कोई उन्हें भारत में शरणार्थी के रूप में स्थान दिलाने की बात कर रहा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
जिस तरह से नोटबंदी की कार्रवाई पर विपक्ष मोदी सरकार को घेर रहा है उसपर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नोटबंदी की कार्रवाई साहसिक कदम है, इसे मोदी सरकार ने उठाने का साहसिक फैसला लिया, जिसकी दुनियाभर के कई देशों ने सराहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वेनेजुएला में भी इस कदम को उठाया गया था, लेकिन वहां सरकार को इसे वापस लेना पड़ा, लेकिन मोदीजी के नेतृत्व में यह सफलतापूर्वक लागू किया गया। नोटबंदी का फैसला कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया महत्वपूर्ण कदम था।
गोरखपुर में बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मौत बुरी होती है, हमे प्रयास करना चाहिए कि कोई मौत नहीं हो, लेकिन उन सबके बाद भी अगर आप आंकड़े देखेंगे तो यह अलग हकीकत बयान करते हैं। फर्रुखाबाद की घटना को देखेंगे तो फर्रुखाबाद में एक फोन पर कार्रवाई की गई, यह गलत था, यह अधिकारी की लापरवाही के चलते हुए हमने जिलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया का कोई अस्पताल यह नहीं कह सकता है कि अगर मरीज उसके यहां आएगा तो वापस जिंदा ही जाएगा। जांच रिपोर्ट में यह बात साफ हो गई है कि गोरखपुर में आक्सीजन की कमी की कोई घटना नहीं हुई है।
इंसेफिलाइटिस से मौत पिछले 40 साल से हो रही है, आज ही इसकी क्यों बात कर रहे हैं। पिछले साल की तुलमा में मौत के आंकड़े कम हैं, लेकिन यह भी नहीं होने चाहिए हम इसके प्रयास कर रहे हैं। सीएचसी और पीएचसी में उपचार की व्यवस्था कराई गई है। इंसेफिलाइटिस के बारे में अब सपा और बसपा हमें बताएगी, इन्हें स्वयं के कृत्यों के बारे में बताना चाहिए कि इन लोगों ने इसके लिए क्या किया। कांग्रेस ने आजतक क्या किया गोरखपुर में इंसेफिलाइटिस को रोकने के लिए। कांग्रेस की जब सरकार थी तो क्या कांग्रेस के नेता बताएंगे कि उन लोगों ने इसकी रोक लिए क्या किया है। यूपी के 32 जिलों में और देश के कई राज्यों में यह है। हम इसे रोकने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
जिस तरह से आर्थिक नीतिक को लेकर केंद्र सरकार चारो तरफ से घिरी है उसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी देशभर में एक राष्ट्र एक कर की अवधारणा को लागू करने का सपना था, इसे मोदीजी ने करके दिखाया है, यूपी के लिए यह वरदान साबित होगी। प्रारंभिक दिनों में कुछ हलचल हो सकती है, शुरुआत के जो आंकड़े सामने आए हैं वह काफी अच्छे हैं। लेकिन लंबे समय में इसके परिणाम काफी अच्छे होंगे।
वहीं जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि विपक्ष आरोप लगाता है कि लखनऊ मेट्रो अखिलेश यादव ने बनवाई पर उसका श्रेय आपने लिया, उस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मेट्रो की घोषणा उन्होंने कर दी थी तो इसे चलने में 8-9 महीने में क्यों चल पाई, इसकी वजह थी कि आधी अधूरी तैयारियों के साथ इसे शुरू कर दिया गया था। नोएडा में हम मेट्रो को आगे बढ़ा रहे हैं, कई जिलों में इसके काम को शुरू किया जा रहा है।
राहुल जी कहीं भी जा सकते हैं, वह कांग्रेस के नेता हैं, लेकिन अब कांग्रेस के लोग ही कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं, उनके नेता कह रहे हैं कि जहां राहुल गांधी के कदम पड़ते हैं, वहां कांग्रेस की हालत खराब हो जाती है, गुजरात में कांग्रेस बुरी तरह से हारेगी, यह तय है।
शिक्षामित्रों के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, हमने उनके मानदेय को बढ़ाया है, उनकी सहायक अध्यापक के लिए टीईटी पास करना होगा, जब भर्ती होगी तो उन्हें वेटेज, उम्र में छूट दी जाएगी। अन्य लोगों के जो मुद्दे होंगे , उन्हें कानून के दायरे में रहते हुए पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हर किसी हर संभव मानवीय सोच रखते हुए कानून के हिसाब से मदद करने के लिए तैयार हैं। शिक्षामित्रों की जो भी जायज मांग होगी उसे कानून के दायरे में रहते हुए माना जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सहायक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी तो शिक्षामित्रों को इसमें वेटेज और उम्र में लाभ देने के लिए कमेटी गठित की गई है, जल्द ही इसकी घोषणा होगी।