पटना: सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के सिटानाबाद पंचायत के छोटे से गांव गंगा प्रसाद टोले की प्रियंका सिंह ने अपनी जिद और आत्मविश्वास के दम पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को आइना दिखा दिया। दरअसल बोर्ड द्वारा मैट्रिक की परीक्षा में फेल घोषित कर दी गई प्रियंका ने हाईकोर्ट में चुनौती दी । जांच में बोर्ड के बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ। प्रियंका परीक्षा में सिर्फ पास ही नहीं घोषित गई, बल्कि प्रथम श्रेणी से राज्य भर में दसवां स्थान भी पाया। इस मामले में कोर्ट ने बिहार बोर्ड को पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। राजीव कुमार सिंह की पुत्री प्रियंका ने मैट्रिक की परीक्षा डीडी हाई स्कूल सरडीहा से दी थी। उसका रोल कोड 41047 और रोल नंबर 1700124 था। उसे संस्कृत में मात्र 9 अंक मिले, जिसके कारण वह फेल कर दी गई। साइंस में मिला अंक भी उसे काफी कम लग रहा था। रिजल्ट देखने के बाद प्रियंका सदमे में आ गई। बोर्ड की रिजल्ट में वह फेल थी। प्रियंका इसे मानने को तैयार नहीं थी कि वह फेल हो सकती है।
अभिभावकों को रजामंद करने के बाद प्रियंका ने आंसर-शीट की स्क्रूटनी के लिए फार्म भरा। लेकिन बोर्ड ने ‘नो चेंज’ कहकर प्रियंका को फिर से फेल कह दिया। वह अब भी हार मानने को तैयार नहीं थी। वह अपने अभिभावकों को भरोसे में लेकर किसी तरह हाईकोर्ट पहुंची और न्याय की गुहार लगाई। बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने प्रियंका सिंह के दावे को यहां भी पहले झुठलाने की कोशिश की। यही नहीं कोर्ट और बोर्ड का समय बर्बाद करने का आरोप भी लगाया। प्रियंका अपने भरोसे पर अड़ी रही कि फेल हूं तो कोर्ट उसकी आंसर-शीट दिखावे। हाईकोर्ट ने आंसर शीट दिखाने का निर्देश दिया, जिसके बाद बोर्ड के कहे अनुसार 40 हजार रुपये जमा करने को कहा व दावा गलत निकलने पर रुपये जब्त हो जाने की बात भी कही। प्रियंका ने पैसे की व्यवस्था कर रुपये जमा कराए। पैसा जमा होने के बाद कोर्ट ने एग्जामिनेशन बोर्ड को प्रियंका की संस्कृत और साइंस की आंसर शीट लेकर आने को कहा।
बोर्ड कॉपी लेकर कोर्ट में पहुंचा और फिर से जांचने में कोई गड़बड़ी नहीं होने की बात दुहराई। प्रियंका ने जज साहब से मांग कर कॉपी देखी तो कॉपी ही बदला पाया। प्रियंका ने चैलेंज किया और कोर्ट ने सामने बैठकर हैंडराइटिंग का नमूना देने को कहा। कोर्ट ने भी पाया कि प्रियंका की आंसर शीट और ओरिजनल हैंडराइटिंग मेल नहीं खाता है। आंसर शीट की तलाश शुरू हुई। तलाश में बोर्ड के सबसे बड़े घोटाले का भांडा फूटा। मालूम हुआ कि प्रियंका की आंसर शीट में बार कोडिंग गलत तरीके से हुई थी, जिससे प्रियंका की आंसर-शीट से दूसरी छात्रा संतुष्टि कुमारी को संस्कृत और साइंस में फेल से पास कर दिया गया। जबकि प्रियंका पास से फेल कर दी गई थी। कोर्ट ने एग्जामिनेशन बोर्ड को पांच लाख रुपये का जुर्माना भरने को कहा और मैट्रिक परीक्षा 2017 की सभी आंसर शीट सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।