रांची: झारखंड के सिमडेगा जिले में जलडेगा प्रखंड स्थित कारीमाटी गांव में भूख से दम तोड़ने वाली 11 साल की संतोषी कुमारी की मां कोयली देवी और उनका परिवार अपने घर में डरा-सहमा है। शुक्रवार शाम संतोषी कुमारी के परिवार को कुछ लोगों ने घर में घुस कर धमकी दी, हंगामा किया और गांव से निकल जाने को कहा। इस धमकी के बाद डरी-सहमी कोयली देवी ने किसी तरह रात बिताई।
शनिवार सुबह कोयली देवी ने अपने परिवार के साथ गांव छोड़ दिया। सभी ने पड़ोस के गांव पतिअंबा में संतोष साहू के घर में शरण ली। घटना की सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक स्तर पर हड़कंप मच गया। उपायुक्त ने फौरन जलडेगा बीडीओ और थाना प्रभारी को कोयली देवी के परिवार को वापस उसके घर लाने का निर्देश दिया. पुलिस और प्रशासन की टीम पतिअंबा गांव पहुंची। पूरी सुरक्षा में कोयली देवी और उसके परिवार को वापस पांच घंटे बाद वापस कारीमाटी स्थित उनके घर पहुंचाया गया।
गौरतलब है कि 11 साल की संतोषी कुमारी को कई दिनों से खाना नसीब नहीं हुआ था, जिस कारण उसकी मौत हो गई. दरअसल स्थानीय राशन डीलर ने महीनों पहले उसके परिवार का राशन कार्ड रद्द करते हुए अनाज देने से इनकार कर दिया था। राशन डीलर की दलील थी कि राशन कार्ड आधार नंबर से लिंक नहीं है, इसलिए अनाज नहीं मिल सकता।
इस घटना को लेकर झारखंड सरकार की खूब किरकिरी हुई। अब राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए राशन के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर दी है।