भोपाल: प्रदेश के स्थापना दिवस का जश्न मनाने में बुधवार को पूरी राजधानी डूबी थी और सामूहिक दुष्कर्म की शिकार छात्रा अपने पुलिसकर्मी माता-पिता के साथ रिपोर्ट लिखवाने थाने दर थाने भटकती रही।
जब कोई मदद नहीं मिली तो ज्यादती की शिकार बनी ‘निर्भया” अपनी मां के साथ दरिंदों को ढूंढने उनके संभावित ठिकानों पर जा पहुंची। सामने एक आरोपी को पाते ही मां-बेटी ने उसे दबोच लिया और घसीटते हुए थाने जा पहुंचीं,तब आनन-फानन में रेलवे पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली।
आरोपी से पूछताछ के बाद जीआरपी ने तत्काल दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है,जबकि एक अन्य फरार है । इधर इस मामले में लापरवाही बरतने पर डीआईजी संतोषसिंह ने एमपी नगर थाने के सब इंस्पेक्टर रामनाथ टेकाम को सस्पेंड कर दिया है।
एएसपी(रेल) धर्मेंद्र सिंह छावई ने बताया कि पीड़िता 19 वर्षीय बीएससी की छात्रा है। साथ ही वह यूपीएससी की तैयारी कर रही है। इसके लिए उसने एमपी नगर की एक कोचिंग क्लास ज्वाइन कर रखी है। मंगलवार शाम करीब 7 बजे वह कोचिंग से निकलकर घर जाने के लिए पैदल रेलवे ट्रैक किनारे से हबीबगंज रेलवे स्टेशन की ओर जा रही थी।
आरपीएफ थाना के 100 कदम पहले अचानक दो युवकों ने उसका मोबाइल फोन,कान की बाली,सोने की चेन लूट ली। झूमाझटकी के दौरान वह नाले के किनारे गिर गई। अंधेरे का फायदा उठाते हुए बदमाशों ने छात्रा के कपड़े फाड़ दिए और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया।
इसके बाद वह उसे निवा हालत में घसीटते हुए पुलिया के नीचे से रेलवे ट्रैक के गोविंदपुरा तरफ वाले क्षेत्र में झाड़ियों में ले गए। वहां उसके हाथ बांध दिए। इस दौरान आरोपियों ने वहां चाय पी,गुटखा भी खाया। कुछ रहम आने पर उनमें से एक आरोपी छात्रा के लिए कपड़े तलाशने पहुंचा। उसके साथ कपड़े लेकर आए दो अन्य युवकों ने भी छात्रा के साथ दरिंदगी की। रात 10 बजे वह किसी तरह उनके चंगुल से छूटी।
एक थाने से दूसरे थाने भटकाया
पुलिस सूत्रों के मुताबिक बुरी तरह सहमी छात्रा किसी तरह रात को आरपीएफ हबीबगंज थाने पहुंची और फोन कर पिता को घटना की जानकारी दी। पिता उसे साथ लेकर घर चले गए। बुधवार सुबह माता-पिता बेटी को लेकर एमपी नगर थाने पहुंचे।
शिकायत दर्ज करने के बजाए थाने से एक सब इंस्पेक्टर रामनाथ टेकाम उनके साथ घटना स्थल देखने आए। मौका-मुआयना करने के बाद उसने केस हबीबगंज थाने की सीमा में होने का कहकर पल्ला झाड़ लिया। उधर हबीबगंज थाने ने हबीबगंज जीआरपी थाने में केस दर्ज कराने का सुझाव देकर अपने हाथ खींच लिए।
दोनों थानों से निराशा मिलने पर पीड़िता खुद अपने माता-पिता के साथ आरोपियों की खोज में उनके संभावित ठिकानों पर जा पहुंची। मानसरोवर कॉम्पलेक्स के सामने बनी झुुग्गियों के पास खड़े एक युवक पर छात्रा की नजर पड़ी। वह उसे फौरन पहचान गई।
मां-बेटी ने उसे दबोच लिया और घसीटते हुए लेकर जीआरपी थाने पहुंच गईं। आरोपी की पहचान गोलू उर्फ बिहारी चढ़ार(25) के रूप में हुई। उसके पास से छात्रा का लूटा हुआ मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया। गोलू से पूछताछ के बाद पुलिस ने घेराबंदी कर अमर उर्फ छोटू प्रकाश,और राजू उर्फ रमेश उर्फ चेतराम को हिरासत में ले लिया,जबकि राजू उर्फ राजेश फरार है । इस मामले में गोलू को 2 दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस के मुताबिक गोलू जब नबालिग था तब इसके खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज हुआ था।
जांच में सब इंस्पेक्टर व टीआई की लापरवाही सामने आई
पीड़िता को तत्काल मदद नहीं मिलने और एफआईआर के लिए भटकाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस मुख्यालय ने गुरूवार को जांच बैठा दी। महिला अपराध शाखा की एडीजी अरूणा मोहनराव ने शाखा के डीआईजी सुधीर लाड को मामले में पुलिस की लापरवाही की जांच के आदेश दिए।
डीआईजी लाड ने शाम करीब साढ़े चार बजे घटना स्थल का मुआयना किया। पीड़िता और उसके माता-पिता से घटना की जानकारी लेने के बाद एमपी नगर, हबीबगंज और जीआरपी हबीबगंज थाना प्रभारियों से पुलिस द्वारा शिकायत पर की गई कार्रवाई की जानकारी ली।
डीआईजी लाड ने बताया कि जांच में पीड़िता को तत्काल मदद नहीं मिलने की बात प्रारंभिक तौर सामने आई है। इसके अलावा एमपी नगर थाना के सब इंस्पेक्टर रामनाथ टेकाम व जीआरपी टीआई मोहित सक्सेना की प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आई है। मामले की जांच रिपोर्ट शुक्रवार को सौंप दी जाएगी।