इंदौर : देश में 50 फीसदी से अधिक लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। हर दूसरा व्यक्ति नशे का आदी है। विडंबना है कि पुरुषों के साथ ही महिलाएं भी इससे प्रभावित हैं। नशा शैक्षणिक संस्थानों से प्रारंभ हो रहा है। सरकार के लिए बच्चों को नशे से दूर रखना चुनौती बन गया है।
यह बात प्रीतमलाल दुआ सभागृह में संभागायुक्त संजय दुबे ने कही। वे शनिवार को नवचेतना निर्वाण सोश्यल वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित नशामुक्ति कार्यक्रम में बोल रहे थे। विषय था- नशे से मुक्ति जागरुकता ही युक्ति। उन्होंने कहा कि हमारे देश में गरीब वर्ग नशे से अधिक प्रभावित हो रहा है। पहले नशे के आदी पुरुषों की संख्या अधिक थी। अब महिलाओं में इसका प्रतिशत बढ़ रहा है। आमतौर पर इसे बुराई के तौर पर देखा जाता है, पर यह एक बीमारी है जो परिवार के सहयोग व प्यार से दूर हो सकती है। समाज में कई लोग हैं, जिन्होंने अपने आत्मबल से इसे दूर किया। समय पर इलाज इसके लिए सबसे जरूरी है। सबसे जरूरी है कि युवावस्था में ही इससे दूरी बना ली जाए।
सोसायटी के सदस्य नीलेश शिंदे ने बताया गया कि आजकल फेसबुक पर जो लाइक किए जा रहे हैं वह हेरोइन के नशे से 50 गुना ज्यादा खतरनाक हैं। इसके कारण लोगों के व्यवहार में बदलाव हो रहा है। वह एकाकी जीवन जीने लगे हैं, जो बाद में नशे में बदल जाता है। इससे दूर रहने की जरूरत पर बल दिया गया।
डॉ. निखिल ओझा ने बताया कि नशे से प्रभावित व्यक्ति को उपेक्षित ना करें बल्कि उसका समय पर इलाज करवाए। गरीब परिवार में पुरुषों के नशे का आदि होने पर परिवार सोचता है कि अगर सेंटर में भर्ती करेंगे तो घर कैसे चलेगा। इसे लेकर हमने काम किया है। शहर में पांच बस्तियों में गए तो वहां पता चला 7 से 11 साल के बच्चे नशे के आदी हैं। हमने उन बच्चों को स्कूल भेजा। अब उनके परिवार भी अवेयर होकर शराब व अन्य नशे से दूर हो रहे हैं।
सोसायटी के सदस्यों ने गाने के माध्यम से नशे से दूर रहने का संदेश दिया। परिवार को होने वाली परेशानियों की जानकारी भी दी। नाटक का मंचन कर युवावस्था में नशे की लत लगने से परिवार और जिंदगी को बर्बाद होते बताया गया। युवाओं से नशे से दूर रहने की बात कही गई।