हरदा : हरदा और देवास जिले में नर्मदा नदी में हुए अवैध रेत खनन के मामले में भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री कमल पटेल ने एनजीटी से एसआईटी के गठन की मांग करते हुए दोषी ठेकेदार व अधिकारियो के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। कार्यवाही होने से सरकार को जुर्माने की राशि मिलेगी।
पूर्व मंत्री कमल पटेल ने बताया की खनिज विभाग के सचिव ने उनके खिलाफ एनजीटी में जो शपथ पत्र दिया था उस मामले में धारा 340 में शपथ पत्र पेश कर मेरे ऊपर लगाए गए आरोप में सबूत देकर कर उसे साबित करने की बात कही है।
नर्मदा नदी किनारे बसे ग्राम तुरनाल के तीन ग्रामीणों अशोक विश्नोई , सुरेश कीर ,सुनील शर्मा ने भी एनजीटी में शपथ पत्र देकर नर्मदा नदी में हुए अवैध उत्खनन मामले में कार्यवाही किये जाने की मांग की है। शपथ पत्र देने वाले ग्रामीणों का कहना है की जिस समय यह अवैध उत्खनन का मामला उठाया गया था तब नर्मदा नदी में अवैध उत्खनन से बड़े बड़े गड्डे हो गए थे और नदी में सड़के भी नजर आ रही थी और आज भी नर्मदा नदी में मोके पर वही स्थिति है।शपथकर्ताओ ने एनजीटी से इस मामले मे अवैध उत्खनन करने वाले ठेकेदारों और अधिकारियो के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की मांग की है और दोषी ठेकेदारों से जुर्माना की राशि वसूल करने की मांग की है।
पूर्व मंत्री कमल पटेल के द्वारा उत्खनन के मामले को बडी ही गंभीरता से उठाया और उत्खनन के मामले को सिद्ध करके दिखाया कि उत्खनन करने वाले माफियाओ के सर पर बड़े बड़े अधिकारियों की बगेर सांठ गांठ के संभव ही नही है माफियाओं के द्वारा व रेत का कारोबार इतने बड़े पैमाने में किया जा रहा उत्खनन माफियाओं के द्वारा पुरानी प्रकृतिक सिद्ध स्थल है जिसको 4 लड्डू कहते हैं जंहा भगवान परशुराम ने अपने माता पिता का पिंड दान किया था वंही तलाई लामा ओर अम्बानी जैसे लोग दर्शन के लिए पहुँचे भी थे उस स्थान को भी उन लोगो ने तहस महस कर दिया । पूर्व मंत्री रेत माफियाओ के खिलाफ खड़े होकर नर्मदा मा के सीने को छलनी होने से बचाया ओर राहगीरो ओर जीव जंतुओं को बचाया पर उत्खनन के ठेकेदारों ओर अधिकारियों के सर में जु तक नही रेंगती ।
रिपोर्ट @जितेंद्र वर्मा