नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नया निर्देश पारित करते हुए वैष्णो देवी आने जाने वालों की तादाद तय कर दी है। एनजीटी ने कहा है कि वैष्णो देवी के पास नया निर्माण नहीं किया जाएगा।
इसी के साथ एक दिन में केवल 50 हजार लोग ही वैष्णो देवी आ-जा सकेंगे। हरित अधिकरण ने कहा कि यदि संख्या तय सीमा से अधिक होती है तो तीर्थयात्रियों को कटरा या अर्द्धकुमारी में रोक दिया जाएगा।
एनजीटी ने कहा है कि वैष्णो देवी में केवल पैदल चलने वालों और बैट्री से चलनेवाली कार के लिए एक विशेष रास्ता 24 नवंबर से खोला जाएगा।
एनजीटी ने किसी भी तरह के अप्रिय स्थिति से बचने के लिए एक दिन में मां के दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या 50 हजार तक सीमित कर दी है।
यदि दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या 50 हजार से अधिक हो जाती है तो उन्हें अर्द्धकुमारी या कटरा में रोक दिया जाएगा।
24 नवंबर से पिंडी दर्शन के लिए भक्तों को ऊपर तक ले जाने वाला नया रास्ता खोल दिया जाएगा।
यह रास्ता पैदल यात्रियों और बैटरी से चलने वाली कारों के लिए ही होगा।
नए मार्ग पर घोड़े और खच्चर भी नहीं चल सकेंगे। पुराने मार्ग से भी इन्हें धीरे-धारे हटा दिया जाएगा।
40 करोड़ की लागत से बना नया यात्रा मार्ग पूरी तरह तैयार है और इसे खोलने की मांग की जा रही है, जिस पर एनजीटी ने अब आदेश दे दिया है।
अब कटरा बस स्टैंड और आसपास के इलाकों में सड़क पर शौच करना बहुत भारी पड़ेगा। ऐसे लोगों पर 2000 रुपए अर्थ दंड का प्रावधान किया गया है।
मालूम हो, यात्रा मार्ग पर घोड़ों, खच्चरो और गंधों का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने के खिलाफ याचिका दायर की गई है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि इन पशुओं के अत्यधिक उपयोग से यात्रियों की सुरक्षा और सेहत को खतरा हो रहा है।
यहां एक साल में देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 80 लाख से 1 करोड़ है।