लखनऊ: देश में अबतक का सबसे जलंत सामाजिक मुद्दा “तीन तलाक़” है। इस के अंतर्गत कोई भी मुस्लिम पति अपनी लाचार, बेबस पत्नी को तीन बार तलाक़ बोल कर उसे अपने घर और जीवन से निकाल सकता है।
जाने-माने लेखक, निर्माता-निर्देश लेख टंडन की आखिरी फिल्म के तौर पर “तीन तलाक़” मुद्दे पर बनी फिल्म “फिर उसी मोड़ पर” दर्शको के लिए तैयार है। इस फिल्म से जुड़े सभी कलाकारों का मानना है की ये फिल्म मुस्लिम समाज के लिए एक आइना है, जो एक सन्देश के साथ समाज को मार्ग दर्शन भी देगी। फिल्म की पूरी टीम लखनऊ में थी।
यहाँ आयोजित एक प्रेसवार्ता में फिल्म के मुख्य सीन दिखये गए, जो दिल को छू लेने वाले थे। फिल्म में अभिनेता कवलजीत मुख्य किरदार की भूमिका में है। फिल्म के संगीतकार त्रिनेत्र बाजपाई ने सभी कलाकारों का परिचय कराते हुए स्वर्गीय लेख टंडन को याद किया।
यहाँ मौजद सभी कलाकारों ने लेख टंडन से जुडी अपनी-अपनी यादो को बताया। अभिनेता कवलजीत तो लेख टंडन को याद करते हुए बहुत भावुक हो गए। फिल्म की मुख्य हीरोइन दिव्या द्विवेदी ने भी एक मुस्लिम तीन तलाक़ से पीड़ित महिला का किरदार निभाया है, जो काबिले तारीफ है।
बताते चले की जाने-माने लेखक, निर्माता-निर्देश लेख टंडन का बीती 15 अक्टूबर 2017 को निधन हो गया, उन्होंने प्रोफ़ेसर, आम्रपाली, झुक गया आसमान, प्रिन्स, दुल्हन वही जो पिया मन भाये, अगर तुम न होते जैसी फिल्मो का निर्माण किया है, जो आज भी बेमिसाल है
तीन तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं को उकेरती ‘फिर उसी मोड़ पर’ फिल्म राजधानी में रविवार को एक होटल में प्रमोशन हुआ। यह फिल्म आगामी 7 जनवरी को देश के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। यह जानकारी फिल्म के कलाकारों ने एक प्रेसवार्ता में दी।
फिल्म मुस्लिम समाज के ऊपर केन्द्रित है जहां मुस्लिम समाज महिलाओं के ऊपर लगातार अत्याचार करता चला आ रहा है। जहां शादी के बाद कुछ समय पश्चात अपनी पत्नी को तीन बार तलाक तलाक तलाक शब्द बोलकर उसे अपनी जिन्दगी से बाहर कर देता है। जिसके बाद पति राशिद एक महिला से शादी कर लेता है, जिस महिला को तलाक देता है उसकी तो सारी खुशियां ही मिटटी में मिल जाती हैं। वहीं रीति को बदलने वह मुस्लिम समाज को जागृति करने के लिए ही इस फिल्म का निर्माण हुआ है। और अब तो उच्च न्यायालय ने भी तीन तलाक पर रोक लगा दी है।
मजलूम मुस्लिम महिला (नाज)पर केन्द्रित है फिल्म
फिल्म के कलाकारो ने फिल्म प्रमोशन के दौरान पत्रकारो से बातचीत करते हुए बताया कि यह फिल्म एक सीधी साधी और मजलूम मुस्लिम महिला (नाज)पर केन्द्रित है जिसे उसके बचपन साथी (शाहिद) धोखे से निकाह करता है इसी बीच नाज गर्भवती हो जाती है। जिसके बाद शाहिद दूसरी औरत के चक्कर में नाज को तलाक दे देता है। इसके बाद मानो नाज की सारी दुनिया ही उजड़ गई, वहीं एक नेक इंसान (राशिद) नाज को सहारा देते हुए उसके बच्चे का अपना देते हुए उससे शादी कर लेता है।
कुछ समय बाद राशिद का कैंसर होने के कारण उसकी मौत हो जाती है। नाज अपने बेटे (जूनियर राशिद) को पालने की अकेले जिम्मेदारी उठाती है उसे उच्च शिक्षा प्रदान कराती है। वहीं जूनियर राशिद अपने बच्पन की दोस्त शबनम से निकाह कर लेता है। उसके बाद वह दुबई चला जाता है जहां उसके एक अच्छी नौकरी मिलती है। अपनी एक सेक्रटरी से शादी कर लेता है और अपनी पहली पत्नी शबनम को तलाक दे देता है।
नाज आज (फिर उसी मोड़ पर) है। और अपने बेटे की नांइसाफी और ३ तलाक की कुरीति से जंग छेड़ देती है। इस फिल्म में मुख्य भूमिका में नाज का रोल करने वाली नवोदित नायिका जिविधा आष्टï और नायक राशिद का रोल करने वाले कंवलजीत सिंह मुख्य भूमिका में है। इसके साथ ही फिल्म में परमसेठी, एम.एस. जहीर, गोविंद नामदेव, स्मिता जयकार, कनिका बाजपेयी, राजीव वर्मा, भारत कपूर, अरूण बाली,हैदर अली, विनिता मलिक, संजय बत्रा, दिव्या द्विवेदी और शिखा इटकान ने भी अभिनय किया है।
रिपोर्ट –शाश्वत तिवारी