प्रद्युम्न हत्याकांड में गुरुग्राम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए बस कंडक्टर अशोक 75 दिन बाद जेल से जमानत पर रिहा हो गया। मंगलवार को अदालत ने उसकी जमानत याचिका स्वीकार कर 50 हजार के मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए थे। बुधवार को रिहाई के आदेश जेल पहुंचने के बाद शाम करीब सवा 7 बजे अशोक को रिहा कर दिया गया।
अशोक अपने कपड़ों का बैग लेकर शॉल ओढ़कर बाहर आया। जेल के बाहर मौजूद अशोक के अधिवक्ता उसे लेकर गांव घामडौज पहुंचे। उधर, अशोक के जेल से बाहर आते ही गुरुग्राम पुलिस और आरोपी छात्र के परिवार में हलचल मच गई है।
बता दें कि भोंडसी स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को हुई दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की हत्या मामले में गुरुग्राम पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी को पुलिस ने जेल भेज दिया था।
मामला सीबीआई के अधीन जाने के बाद सीबीआई ने इस मामले में 11वीं कक्षा के छात्र को गिरफ्तार किया था। इसके बाद अशोक के अधिवक्ता ने अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। इस याचिका को अदालत ने मंगलवार को स्वीकार करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किए थे।
बुधवार को कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद बुधवार देर शाम करीब सवा सात बजे उसे जेल से रिहा किया गया। जेल से बाहर निकलते ही उसे अधिवक्ता ने उसे अपनी गाड़ी में बैठा लिया और अपने साथ ले गए। जेल से बाहर निकलते वक्त अशोक की आंखें नम हो गई। 75 दिन बाद अशोक ने गांव की दहलीज पर कदम रखा।
गांव पहुंचते ही और अपने परिवार से मिलते ही पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। पत्नी ममता, बच्चे केशव व रोहन व मां केला देवी व पिता अमीचंद के आंसू खुशी से छलक उठे। उन्हें देखकर अशोक भी भावुक हो उठा। मां केला देवी, पिता अमीचंद ने अशोक को गले से लगा लिया। पत्नी व बच्चों को सीने से लगाने के बाद अशोक के चेहरे पर चमक देखने को मिली।
आरोपी अशोक ने बताया कि मुझे पुलिस ने मारा और जुल्म कबूल करने के लिए दबाव बनाया था। बच्चों की कसमें खिलाई गईं। मैंने छात्र की हत्या नहीं की थी। अशोक ने अदालत पर विश्वास जताया और कहा कि छात्र के पीड़ित परिजनों को भी न्याय जरूर मिलेगा।
अशोक ने कहा कि मैं अपने वकील से बात कर गुरुग्राम पुलिस के खिलाफ केस करूंगा क्योंकि उन्होंने मुझे वो जुर्म कबूल करने के लिए टॉर्चर किया जो मैंने किया ही नहीं था।
सीबीआई जांच पर भरोसा जताया। उसने कहा कि मुझे भी न्याय जरूर मिलेगा। वहीं, जब गांव में अशोक पहुंचा तो काफी संख्या में वहां पर लोगों की भीड़ जमा थी। अशोक के वकील मोहित शर्मा ने बाद में किसी से बातचीत न करने के लिए कहा।
उधर, स्कूल में हुए हादसे व उसके साथ गुरुग्राम पुलिस द्वारा की गई बर्बरता को लेकर किसी को भी न बताने की सलाह उसे अधिवक्ता ने दी। अधिवक्ता नहीं चाहते कि वह किसी के भी सामने इसका जिक्र करे।
सीबीआई ने इस मामले में अशोक की संलिप्तता नहीं पाई थी। ऐसे में अशोक की जमानत पर सीबीआई ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं की, लेकिन अभी सीबीआई ने उसे क्लीन चिट नहीं दी है। वहीं, अशोक के जेल से बाहर आते ही गुरुग्राम पुलिस व आरोपी छात्र के परिवार में हलचल मच गई है।
सूत्रों की मानें तो गुरुग्राम पुलिस में इस बात को लेकर चिंता है कि उसके साथ की गई बर्बरता की वह पोल न खोल दे। ऐसे में कई पुलिसकर्मियों व अधिकारियों पर सरकार की गाज गिर सकती है।
सूत्रों की मानें तो इस मामले में मुख्यमंत्री भी पल-पल की खबर ले रहे हैं। मामले में गुरुग्राम पुलिस पर भी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। यह कार्रवाई सीबीआई द्वारा क्लोजर रिपोर्ट पेश करने के बाद होने की संभावना है।