कथित लव जिहाद मामले का केंद्र बनी केरल की महिला हदिया के पिता के.एम. अशोकन ने उनकी बेटी को पढ़ाई जारी रखने की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का स्वागत किया है।
उन्होंने मंगलवार को कहा कि वह अपने परिवार में किसी आतंकवादी को नहीं चाहते। अशोकन ने कहा कि उनकी बेटी हदिया इस्लाम में परिवर्तित होने के बाद सीरिया जाना चाहती है, लेकिन उसे वहां के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उनसे जब अंतर जातीय विवाह के बारे में उनकी राय पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वह एक धर्म और एक ईश्वर में विश्वास रखते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हदिया को उसके अभिभावकों के संरक्षण से मुक्त करते हुए उसे कॉलेज में पढ़ाई जारी रखने का निर्देश दिया था। हालांकि हदिया ने अनुरोध किया था कि उसे उसके पति शफीन जहां के साथ जाने दिया जाए। अशोकन ने कहा, ‘यह बहुत दुखद है कि उसे इस खराब अनुभव से गुजरना पड़ा जिसके कारण उसकी पढ़ाई बाधित हुई।
मगर अब मैं खुश हूं क्योंकि अदालत ने उसे आगे पढ़ाई करने की अनुमति दे दी है।’ उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि हदिया को नजरबंद रखा गया था। उन्होंने कहा, ‘घर के भीतर और बाहर उसके चारों ओर पुलिस का घेरा होता था।’
उन्होंने कहा कि उन्हें तमिलनाडु के सलेम में हदिया की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है क्योंकि वह अब सुप्रीम कोर्ट के संरक्षण और निगरानी में है। अशोकन ने कहा, ‘मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। वह कोर्ट के संरक्षण में है और वह मामले पर नजर रख रहा है। मैं उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं हूं।’ उन्होंने यह भी कहा कि वह जरूरत पड़ने पर उससे मिलने सलेम जाएंगे क्योंकि अदालत ने उन्हें इसकी अनुमति दी है।
हदिया केरल पुलिस की सुरक्षा में मंगलवार को सलेम रवाना हो गई। हदिया के पिता बंद कमरे में सुनवाई चाहते थे। न्यायालय ने उनकी इच्छा के खिलाफ खुली अदालत में करीब डेढ़ घंटे तक हदिया से बात की और केरल पुलिस को निर्देश दिया कि वह उसे सुरक्षा मुहैया कराए और सुनिश्चित करे कि वह जल्द से जल्द सलेम जाकर वहां के शिवराज मेडिकल कॉलेज में होम्योपैथी की पढ़ाई करे।
केरल हाईकोर्ट की ओर से हदिया और शफीन जहां के बीच हुआ ‘निकाह’ 29 मई को रद्द कर दिए जाने के बाद करीब छह महीने से हदिया अपने माता-पिता के पास थी। हदिया जन्म से हिंदू है और उसने शादी से कुछ महीने पहले धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल कर लिया है।