भोपाल : मप्र की राजधानी में हुए बहुचर्चित सामूहिक दुष्कर्म मामले में अदालत ने चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जज सविता दुबे ने फैसला सुनाते हुए चारों को दुष्कर्म के मामले में दोषी बताया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई, इसके साथ अलग-अलग जुर्माना भी लगाया गया। कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध माना है और कहा कि आजीवन कारवास चारों की प्राकृतिक मृत्यु होने तक जारी रहेगा।
फैसले के दौरान पीड़िता की मां और रेलवे पुलिस एसपी सहित अन्य लोग वहां मौजूद थे। इतने तेजी के साथ आए फैसले से पीड़ित पक्ष ने खुशी जताई है।
मामले की सुनवाई 36 दिनों तक चली। इस दौरान 28 गवाहों के पूरे मामले में बयान हुए। 15 नवंबर को 200 पेश का चालान कोर्ट में पेश किया गया, जिसमें 60 दस्तावेजों को भी शामिल किया गया।
कोर्ट में सबूत के तौर पर फॉरेंसिक रिपोर्ट, डीएनए रिपोर्ट, पीड़िता के बयान, कपड़े और इसके साथ ही कपड़ों पर लगी मिट्टी और घटनास्थल पर लगी मिट्टी के सैंपल भी पेश किए गए। सबूत में पेश की गई डीएनए रिपोर्ट में चारों आरोपियों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने की बात सामने आई है।
गौरतलब है कि यूपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा के साथ हबीबगंज स्टेशन के पास बनी पुलिया पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। इस मामले में पुलिस ने गोलू उर्फ बिहारी, अमर उर्फ छोटू, राजू उर्फ राजेश और राजू उर्फ रमेश को गिरफ्तार किया था। पीड़िता जब इसकी शिकायत करने थाने पहुंची तो पुलिस ने उसकी शिकायत दर्ज नहीं की। इस मामले में तीन थाना प्रभारी और दो उपनिरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया था।