नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली विधानसभा में 70 चित्रों का अनावरण किया। इन चित्रों में भारत-निर्माण और स्वंतत्रता सेनानियों का वर्णन किया गया था। इनमें एक चित्र टीपू सुल्तान का भी था जो कि विधानसभा में विवाद का केंद्र बना। टीपू सुल्तान के अलावा इन चित्रों में स्वतंत्रता सेनानी अशफाकुल्ला खान, भगत सिंह, बिरसा मुंडा, रानी चेन्नम्मा और सुभाष चंद्र बोस का चित्र भी शामिल था। अधिकारियों के मुताबिक प्रत्येक चित्र देश की हर एक विधानसभा का प्रतिनिधित्व करता है।
आम आदमी पार्टी द्वारा टीपू सुल्तान का चित्र विधानसभा में इस तरह दिखाना बीजेपी को रास नहीं आया। दिल्ली बीजेपी विधायकों ने टीपू सुल्तान के चित्र को विधानसभा में दिखाने को विवादस्पद नाम दे दिया। एक समचार संसथान से बातचीत के दौरान राजौरी गार्डन से बीजीपी-एसएडी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा “मैं उनसे (आप) पूछना चाहता हूं कि जिस पर विवाद चल रहा है उसका चित्र क्यों शामिल किया गया? इसमें उन लोगों को क्यों नहीं शामिल किया गया जो दिल्ली से हैं? दिल्ली विधानसभा में ऐसे व्यक्ति का चित्र क्यों दिखाया गया जिसने दिल्ली और इसके इतिहास में अपनी कोई भूमिका नहीं निभाई है?”
वहीं बीजेपी को जवाब देते हुए आप विधायक और पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा “हमने बीजेपी और उनके विधायकों से पूछा था कि वे अपनी पार्टी या आरएसएस के लोगों के नाम बताएं, जिन्होंने स्वतंत्रता संघर्ष में काम किया था लेकिन उन्होंने किसी का नाम नहीं दिया।” इसके बाद बीजेपी नेताओं द्वारा हमेशा विवाद खड़ा करने वाली बात कहते हुए स्पीकर राम निवास गोयल ने कहा “अब वे गैलरी में टीपू सुल्तान के चित्र को दिखाए जाने को लेकर विरोध कर रहे हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हमारे संविधान के 144वें पेज पर भी टीपू सुल्तान का चित्र दिया गया है। बीजेपी को इस तरह की घटिया राजनीति करने के बजाए विकास की राजनीति करनी चाहिए।”