नई दिल्ली : पीएनबी में हुए हाजरों करोड़ के घोटाले के बाद फरार नीरव मोदी ने बैंक को पत्र लिखकर कहा है कि पैसे लौटाने के सारे रास्ते बंद हो गए। इस बीच नीरव मोदी के वकील ने दावा किया है कि यह केस 2जी और बोफोर्स की तरह ही खत्म हो जाएगा। मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसआईटी जांच की याचिका दायर हुई है जिस पर 23 फरवरी को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच सुनवाई करेगी। यह याचिका एडवोकेट विनीत ढांडा ने लगाई है। दूसरी तरफ मामले में ईडी के छापे ताबड़तोड़ जारी है।
खबरों के अनुसार नीरव मोदी के वीकल विजय अग्रवाल ने कहा है कि जांच एजेंसिया मीडिया में हंगामा मचा रही है लेकिन वो इस मामले में कुछ साबित नहीं कर पाएंगी। यह केस भी 2जी और बोफोर्स मामले की तरह खत्म हो जाएगा। मुझे यकीन है कि नीरव मोदी दोषी साबित नहीं होंगे।
पीएनबी घोटाले की जांच जारी है और इस बीच जांच एजेंसियों ने इसे लेकर पूछताछ के लिए बैंक की मुंबई स्थित उस ब्रांच के कर्मचारियों को बुलाया है जहां घोटाला हुआ। इस ब्रांच को सोमवार को सील कर दिया गया था।
पंजाब नेशनल बैंक में हजारों करोड़ के घोटाले के आरोपित नीरव मोदी ग्रुप से जुड़े गहनों के व्यवसायियों के ठिकाने पर देश भर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई सोमवार को भी जारी रही। ईडी ने सोमवार को बिहार, बंगाल, उप्र के कई शहरों में छापेमारी की कार्रवाई की।
बिहार में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी रही। ईडी की टीम ने सोमवार को मुजफ्फरपुर और किशनगंज में गीतांजलि और नक्षत्र डायमंड के तीन ठिकानों पर छापेमारी कर डेढ़ करोड़ से भी अधिक के गहने जब्त किए। पटना में गीतांजलि का कलस्टर मैनेजर संतोष कुमार होता फरार हो गया है। ईडी की टीम ने शनिवार को होता से करीब दो घंटे तक पूछताछ की थी। उसके बाद से उसका कोई अता-पता नहीं है।
कोलकाता में भी ईडी ने छापेमारी की। राजारहाट व न्यूटाउन के तीन शॉपिंग मॉल सिटी सेंटर 2, साउथ सिटी, क्वेस्ट और फोरम मॉल स्थित कंपनी के शोरूम में सुबह से ही ईडी की टीम ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया था। इन जगहों पर रविवार को भी ईडी की टीम ने तलाशी ली थी और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों समेत 25 करोड़ के हीरे के गहने जब्त किया था। सोमवार की कार्रवाई के दौरान तीन करोड़ नकद भी बरामद किए गए हैं। इस बारे में ईडी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये सारे शोरूम नीरव मोदी की कंपनी से फ्रेंचाइजी के जरिए जुड़े हैं।
इससे पहले नीरव मोदी ने बैंक को चिट्ठी लिखकर इस बात की तरफ इशारा किया है घोटाले की राशि अब नहीं मिलने वाली। उसने बैंक को पत्र लिखते हुए कहा है कि जल्दबाजी में बातों को सार्वजनिक कर बकाया वसूली के अपने सारे रास्ते खुद बंद कर लिए हैं। उसने यह भी कहा है कि बैंक जितना बता रहा है, बकाया रकम उससे बहुत कम है।
मोदी ने 15/16 फरवरी को पत्र लिखकर बैंक प्रबंधन को अपने इरादों के बारे में बता दिया है। इसमें उसने कहा है कि उसके पास 5,000 करोड़ रुपये से भी कम का बकाया है।इस पत्र में नीरव मोदी ने कहा है कि कर्ज की जानकारी मीडिया में आने के बाद मेरी कंपनियों के खिलाफ छापेमारी और संपत्ति जब्त करने का सिलसिला शुरू हो गया। इसने बैंकों का बकाया चुकाने की मेरी क्षमता खत्म कर दी है।
नीरव ने लिखा है कि 13 फरवरी को मैंने बकाया चुकाने के सिलसिले में प्रस्ताव रखा था। लेकिन, पैसा तुरंत वसूलने की जल्दबाजी में आपने इसके अगले दिन ही सार्वजनिक एलान कर दिया। 15 फरवरी को मैंने फिर से प्रस्ताव रखा। इसके बावजूद आपकी कार्रवाइयों ने मेरे ब्रांड और कारोबार को चौपट कर दिया है। इसके साथ ही आपने बकाया वसूली की अपनी क्षमता भी खत्म कर ली है।
पत्र में नीरव ने बैंक अधिकारियों के साथ अपनी और अपने प्रतिनिधियों की बातचीत का हवाला भी दिया है। इसके अलावा विगत 13 और 15 फरवरी को भेजे अपने ई-मेल का भी जिक्र किया है। उसने अपने भाई और पत्नी का नाम गलत तरीके से प्राथमिकी में डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन लोगों को उसके कारोबार से कोई लेना-देना नहीं रहता है।
उसने कहा है कि मेरी कंपनियों पर 11,400 करोड़ रुपये का कर्ज होने की बात पूरी तरह से गलत है। बैंक द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बाद भी मैंने प्रस्ताव रखा था कि आप फायरस्टार ग्रुप या उसकी कीमती संपत्तियों को बेचकर बकाया वसूल लीजिए। या फिर मुझे इजाजत दीजिए कि मैं अपने तीन फर्मों की संपत्तियों को बेचकर बकाया चुका दूं। उसने कहा है कि फायरस्टार इंटरनेशनल और फायस्टार डायमंड इंटरनेशनल किसी बैंक का डिफॉल्टर नहीं है और बैंकर पूरी तरह सुरक्षित हैं।